जसपुर में CSC सेंटर की आड़ में साइबर फ्रॉड का खुलासा, चेन्नई साइबर क्राइम टीम ने दो गिरफ्तार किए
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उत्तराखंड के जसपुर में कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) की आड़ में साइबर ठगी के अंतरराज्यीय नेटवर्क का भंडाफोड़ भी हुआ है। चेन्नई साइबर क्राइम सेल की टीम ने स्थानीय पुलिस की मदद से 2 युवकों को गिरफ्तार किया है, जो साइबर फ्रॉड के पैसे की निकासी व लेन-देन में भी शामिल थे।
1.50% कमीशन में 12.43 लाख की निकासी, दो युवक गिरफ्तार
गिरफ्तार किए गए युवकों की पहचान मोहम्मद वसीम (32) और मोहम्मद दाऊद के रूप में हुई है। दोनों जसपुर के ही रहने वाले हैं। पुलिस के अनुसार, दोनों ने 1.50 प्रतिशत कमीशन के लालच में 12.43 लाख रुपये एक फर्जी खाते से निकालकर अन्य सहयोगियों को नकद भी दे दिए। इसके बदले में उन्हें 18,645 रुपये का कमीशन भी मिला।
सीएससी सेंटर बना ठगी का अड्डा
वसीम जसपुर में CSC सेंटर भी संचालित करता था। उसने अपनी साली सानिया परवीन के एक्सिस बैंक खाते में अंतरराष्ट्रीय साइबर स्कैमर गैंग के जरिए 12.43 लाख रुपये ट्रांसफर भी कराए और फिर वह रकम अपने खाते में स्थानांतरित भी कर दी। इसके बाद यह धनराशि मोहम्मद दाऊद व तरुण भारद्वाज के जरिए साइबर गैंग के अन्य सदस्यों को भी दे दी गई।
गैंग के अन्य सदस्यों में गोगा उर्फ गांधी, प्रियांशु अरोरा, नितिन अटवाल व मोनिस सैफी के नाम सामने आए हैं।
50–60 लाख रुपये की धोखाधड़ी का अनुमान
एसपी काशीपुर अभय सिंह ने बताया कि
अब तक की जांच में पता चला है कि वसीम, दाऊद व तरुण भारद्वाज ने मिलकर 50 से 60 लाख रुपये तक की साइबर ठगी को अंजाम भी दिया है। चेन्नई पुलिस की 5 सदस्यीय टीम, डीएसपी विनयागामूर्ति के नेतृत्व में जसपुर पहुंची थी और स्थानीय पुलिस की मदद से दोनों को गिरफ्तार कर सोमवार को चेन्नई ले जाया गया।
चेन्नई में 1.39 करोड़ की साइबर ठगी से हुआ था खुलासा
यह गिरफ्तारी चेन्नई के एक हाई-प्रोफाइल साइबर फ्रॉड की जांच के दौरान ही हुई। डीएसपी विनयागामूर्ति के अनुसार, धानुश्री नाम की एक महिला ने तमिल मैट्रिमोनियल वेबसाइट के जरिये इंजीनियर पीके पार्थसारथी को प्रेमजाल में फंसाया व फिर उसे ऑनलाइन ट्रेडिंग में निवेश के नाम पर 1.39 करोड़ रुपये की ठगी का शिकार भी बना दिया।
इस फ्रॉड में देशभर के कई फर्जी बैंक खातों का उपयोग किया गया, जिनमें से एक जसपुर का भी था। उसी के आधार पर चेन्नई पुलिस यहां तक भी पहुंची।
कानूनी कार्रवाई
चेन्नई में इस केस में आईटी एक्ट की धारा 66D, बीएसएन की धारा 318(2), 319(2) के तहत मुकदमा भी दर्ज किया गया है। मामले की जांच अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड नेटवर्क की दिशा में आगे बढ़ाई भी जा रही है।
CSC जैसे सरकारी सेवा केंद्रों का दुरुपयोग करके साइबर अपराधियों ने देशव्यापी ठगी की चेन ही बना ली है। यह मामला साइबर सुरक्षा और वित्तीय अनुशासन के लिए चेतावनी भी है। पुलिस अब बाकी आरोपियों की तलाश व मनी ट्रेल की जांच में जुटी है।




