ऑप्टो इलेक्ट्रॉनिक फैक्ट्री को सोलर परियोजना विस्तार में झटका, नियामक आयोग ने याचिका की खारिज

देहरादून स्थित ऑप्टो इलेक्ट्रॉनिक फैक्ट्री, जो सैन्य साजो-सामान निर्माण में अग्रणी भी है, को सोलर ऊर्जा परियोजना की क्षमता बढ़ाने की कोशिश में एक बड़ा झटका लगा है। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने फैक्ट्री की याचिका को सौर ऊर्जा नीति के प्रावधानों के तहत खारिज ही कर दिया है।
फैक्ट्री में पहले से स्थापित हैं 1 मेगावाट के सोलर प्लांट
ऑप्टो इलेक्ट्रॉनिक फैक्ट्री ने परिसर में पहले से 400 किलोवाट व 600 किलोवाट के 2 सोलर प्रोजेक्ट स्थापित कर रखे हैं, जिसकी कुल क्षमता 1 मेगावाट है। बीते वर्ष फैक्ट्री ने 600 किलोवाट अतिरिक्त क्षमता जोड़ने के लिए आवेदन भी किया था, लेकिन उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPCL) ने इसे नीति के विपरीत बताते हुए मंजूरी ही नहीं दी।
आयोग ने साफ कहा – 1 मेगावाट से अधिक नहीं
फैक्ट्री द्वारा विरोध जताने पर मामला राज्य विद्युत नियामक आयोग तक भी पहुंचा, लेकिन आयोग ने भी स्पष्ट कर दिया कि राज्य की सौर ऊर्जा नीति के तहत एक मेगावाट से अधिक क्षमता बढ़ोतरी की अनुमति ही नहीं है।
ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा, लेकिन नियमों के भीतर
हालांकि प्रदेश सरकार ग्रीन एनर्जी व सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के पक्ष में है, लेकिन नियामक आयोग का यह निर्णय बताता है कि नीतियों की सीमा का पालन जरूरी ही है। अब फैक्ट्री को अपनी भविष्य की ऊर्जा रणनीति वर्तमान नीति के अनुरूप ही तैयार भी करनी होगी।
इस फैसले के बाद विशेषज्ञों का मानना है कि अगर बड़े औद्योगिक संस्थानों को सौर ऊर्जा में निवेश के लिए प्रेरित करना है, तो सरकार को नीति में लचीलापन या संशोधन पर विचार भी करना चाहिए।