उत्तराखंड

खटीमा और पिथौरागढ़ में बारिश का कहर: बस्तियां डूबीं, मकान खतरे में, रेस्क्यू अभियान जारी

उधम सिंह नगर/पिथौरागढ़। सीमांत क्षेत्र खटीमा में 4 दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त भी कर दिया है। नदी-नालों के उफान से कई ग्रामीण बस्तियां जलमग्न भी हो गईं। हालात बिगड़ने पर एसडीआरएफ टीम ने मोटर बोट से दर्जनों परिवारों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर भी पहुंचाया। कई लोग अपने घर छोड़कर रेलवे ट्रैक किनारे टेंट डालकर रहने को भी मजबूर हैं। छोटे बच्चों को पंचायत घरों व स्कूलों में ठहराया गया है, जहां भोजन-पानी की व्यवस्था भी की जा रही है।

प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में अलर्ट जारी करते हुए लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील भी की है। चकरपुर के वन रावत बस्ती, मेलाघाट, भगचुरी व प्रतापपुर जैसे इलाकों में बाढ़ जैसे हालात भी बने हुए हैं।

वहीं, पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग व गंगोलीहाट क्षेत्र में लगातार बारिश ने खतरे को और भी बढ़ा दिया है। यहां 3 दर्जन से अधिक मकान भूस्खलन व बोल्डरों के गिरने से खतरे की जद में आ गए हैं। मनगड़ व आमहाट गांव में मकानों के पास चट्टानें टूटकर गिरने से ग्रामीण दहशत में ही हैं। कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट भी किया गया है।

इसी बीच बेरीनाग-सेराघाट मार्ग पर मलबा हटाते समय एक बड़ा हादसा भी हो गया। अचानक पहाड़ी से आए मलबे की चपेट में आने से जेसीबी चालक घायल हो गया और मशीन क्षतिग्रस्त हो गई।

जिला प्रशासन ने राहत व बचाव कार्य तेज कर दिया है। एसडीएम आशीष जोशी ने बताया कि

जिन इलाकों से खतरे की सूचना मिल रही है, वहां राजस्व टीमों को भेजा जा रहा है और प्रभावित परिवारों को मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।

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