देहरादून: जिलाधिकारी सविन बंसल ने गरीब और असहाय बालिकाओं के लिए शिक्षा और कौशल विकास योजना की शुरुआत की
जनपद में कोई भी बालिका धन की कमी से नहीं रहेगी शिक्षा से वंचित गरीब, अनाथ एवं असहाय बच्चों को स्नातक एवं कौशल शिक्षा देने को डीएम ने उठाया बीड़ा बालिका शिक्षा एवं कौशल विकास कार्ययोजना (SOP) बनाई
देहरादून : जिलाधिकारी सविन बंसल ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत गरीब, अनाथ व असहाय बालिकाओं को न्यूनतम स्नातक स्तर तक शिक्षित करने और कौशल शिक्षा प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम भी उठाया है। जिला टास्क फोर्स की बैठक में इस योजना को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
इस योजना का उद्देश्य विशेष परिस्थितियों में जीवन यापन कर रही बालिकाओं को न केवल शिक्षा की मुख्यधारा में भी लाना है, बल्कि उन्हें रोजगार के अवसरों से भी जोड़ना है।
चयन प्रक्रिया और कार्ययोजना:
- जनता दरबार, बहुद्देशीय शिविरों और विभिन्न सरकारी कार्यालयों से प्राप्त प्रार्थना पत्रों के आधार पर बालिकाओं का चयन किया जाएगा।
- बाल विकास परियोजना अधिकारी और समाज कल्याण विभाग के सहयोग से बालिकाओं का सत्यापन किया जाएगा।
- इसके बाद, चयनित बालिकाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी, जो उनके शैक्षिक शुल्क, किताबों और अन्य आवश्यकताओं के लिए उपयोग की जाएगी।
आर्थिक सहायता:
- चयनित बालिकाओं को शिक्षण शुल्क के रूप में आर्थिक सहायता ऑनलाइन माध्यम से संबंधित विद्यालय/संस्थान के खाते में भेजी जाएगी।
- पुस्तक, ड्रेस और अन्य व्यय के लिए धनराशि बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा बालिका के खाते में सीधे ऑनलाइन ट्रांसफर की जाएगी।
योजना का उद्देश्य:
जिलाधिकारी ने इस योजना के तहत सुनिश्चित किया है कि चयनित बालिकाओं का विद्यालय में पुनः प्रवेश करवाया जाएगा और उनका शैक्षिक कार्य नियमित रूप से मॉनीटर किया जाएगा। इसके अलावा, बालिकाओं के अध्ययन की त्रैमासिक आख्या भी जिला कार्यक्रम अधिकारी को भेजी भी जाएगी।
इस योजना का वित्तीय प्रबंधन बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत उपलब्ध बजट और सीएसआर फंड से किया जाएगा।
इस महत्वपूर्ण पहल के माध्यम से जिलाधिकारी ने बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। योजना के तहत चयनित बालिकाओं को दी जाने वाली सहायता उनके उज्जवल भविष्य की ओर एक नया कदम भी होगा।