चैंबर निर्माण की मांग पर अधिवक्ताओं का आंदोलन जारी, संघर्ष समिति का गठन—CM धामी से बातचीत तक नहीं हटेंगे धरने से
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देहरादून में अधिवक्ताओं का चैंबर निर्माण को लेकर चल रहा आंदोलन 11वें दिन भी नहीं रुका है। बुधवार को धरने के 10वें दिन वकीलों ने ओपन हाउस में सर्वसम्मति से संघर्ष समिति का गठन भी किया। अधिवक्ता हरिद्वार रोड पर धरना भी दे रहे हैं। संघर्ष समिति ने जिला प्रशासन को अपनी 7 मुख्य मांगों वाला एजेंडा पत्र भी सौंप दिया है, जिस पर प्रशासन ने कुछ बिंदुओं पर कार्रवाई का भरोसा भी दिया है।
जिला प्रशासन से मिले आश्वासन
- नए चैंबर बनकर तैयार होने या पुनर्स्थापन से पहले किसी भी अधिवक्ता को नहीं हटाया जाएगा
- नई जिला जजी में चैंबर निर्माण के लिए लगने वाले विकास शुल्क को माफ करने का प्रस्ताव उच्च स्तर पर भी भेजा जाएगा
अधिवक्ताओं का साफ संदेश—CM धामी से सार्थक वार्ता तक आंदोलन नहीं रुकेगा
संघर्ष समिति की बैठक में निर्णय लिया गया कि सरकार से लिखित आश्वासन के बावजूद आंदोलन भी जारी रहेगा।
संघर्ष समिति के अध्यक्ष प्रेमचंद शर्मा ने कहा,
“मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से प्रत्यक्ष व सार्थक बातचीत होने तक आंदोलन वापस नहीं लिया जाएगा।”
क्या है वकीलों की मुख्य मांग?
अधिवक्ता पुरानी जिला अदालत की खाली जमीन पर चैंबर निर्माण की मांग भी कर रहे हैं। बार एसोसिएशन व प्रदेश बार एसोसिएशन दोनों इस मांग का समर्थन कर चुके हैं। वकीलों का कहना है कि जिला जज परिसर में पहले से ही जगह कम है, ऐसे में रैन बसेरा निर्माण का विरोध भी किया जा रहा है।
जगह की भारी कमी
- देहरादून में करीब 5,000 अधिवक्ता,
- लगभग 5,000 टाइपिस्ट,
- वेंडरों और बड़ी संख्या में वादकारियों की भी आवाजाही
इस वजह से जिला जज न्यायालय परिसर में जगह बेहद कम भी पड़ रही है। वकीलों की मांग है कि हरिद्वार रोड स्थित सिविल कंपाउंड की जमीन भी उन्हें चैंबर निर्माण के लिए आवंटित भी की जाए।
अधिवक्ताओं का धरना लगातार जारी है, और उन्होंने साफ कहा है कि समाधान मिलने तक आंदोलन भी नहीं रुकेगा।




