उत्तराखंड के माणा कैंप में हिमस्खलन: 57 मजदूर बर्फ में दबे, 15 सुरक्षित निकाले गए
Deprecated: preg_split(): Passing null to parameter #3 ($limit) of type int is deprecated in /home/u948756791/domains/doondarshan.in/public_html/wp-content/themes/jannah/framework/functions/post-functions.php on line 805
चमोली: उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी के बीच शुक्रवार को माणा कैंप के पास भारत-चीन (तिब्बत) सीमा क्षेत्र में बड़ा हिमस्खलन हुआ। इस हादसे में वहां निर्माण कार्य में लगे 57 मजदूर बर्फ में दब गए। गढ़वाल आईजी राजीव स्वरूप ने बताया कि अब तक 15 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, जबकि बाकी मजदूरों की तलाश जारी है।
चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने कहा कि माणा और माणा पास के बीच हिमस्खलन की घटना हुई है, जिसके कारण मजदूर दब गए। इस घटना के बाद राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया गया है। सेना, आईटीबीपी और एनडीआरएफ की टीमें घटनास्थल पर बचाव कार्य में जुटी हैं। इसके साथ ही एयर फोर्स से भी मदद मांगी गई है।
तीन दिन से हो रही बर्फबारी
बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी, रुद्रनाथ, औली, गोरसों, नीती और माणा घाटियों में पिछले तीन दिनों से बर्फबारी हो रही है, जिससे इन ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फ जमा हो गई है। बर्फबारी के कारण राहत कार्यों में भी मुश्किलें आ रही हैं।
मुख्यमंत्री ने की मजदूरों की सुरक्षित वापसी की प्रार्थना
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने चमोली जिले के माणा गांव में हिमस्खलन के दौरान दबे मजदूरों के सुरक्षित बाहर निकलने की प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि ITBP, BRO और अन्य बचाव दलों द्वारा राहत एवं बचाव कार्य तेजी से चलाया जा रहा है।

रैणी आपदा की याद
यह हिमस्खलन की घटना चमोली में 2021 में आई रैणी आपदा की याद दिलाती है, जब ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा में आई बाढ़ में 206 लोग मारे गए थे और कई लोग अब भी लापता हैं। यह दुर्घटना उस समय के भयानक हादसों में से एक थी, और अब इस नए हिमस्खलन ने क्षेत्र के लोगों में डर और चिंता पैदा कर दी है।




