
उत्तराखंड में निकाय चुनावों के दौरान जिन नेताओं ने सरकार व संगठन के आश्वासन पर टिकट की जिद छोड़कर चुनावी मैदान से खुद को हटा भी लिया था, अब उनका ध्यान दायित्वों के वितरण पर केंद्रित भी है। राज्य के विभिन्न निकायों में एक या दो दावेदार इस स्थिति में हैं, और इनकी संख्या भी काफी है। ऐसे में अब सबकी नजरें सीएम पुष्कर सिंह धामी पर ही टिकी हुई हैं, क्योंकि प्रदेश में लंबे समय से सरकारी दायित्वों का बंटवारा होने का इंतजार भी किया जा रहा है।
प्रदेश के बाल संरक्षण आयोग, अल्प संख्यक आयोग, महिला आयोग, वन विकास निगम और बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति समेत कई सरकारी संस्थाओं में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सदस्यों के पद रिक्त हैं।
यह माना जा रहा है कि निकाय चुनाव, दिल्ली विधानसभा चुनाव व राष्ट्रीय खेलों की व्यस्तता के कारण दायित्वों के वितरण पर निर्णय नहीं लिया जा सका है। हालांकि, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट व महामंत्री संगठन अजय कुमार ने सीएम से कम से कम दायित्वों के वितरण को लेकर चर्चा की थी, जो निकाय चुनाव से पहले हुई थी। अब निकाय चुनाव के बाद कुछ और कार्यकर्ताओं को आश्वासन देने के साथ दायित्वों की सूची में बदलाव की संभावनाएं भी जताई जा रही हैं।