शिक्षकों के तबादलों पर रोक: शिक्षा विभाग को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने का आधार मिला, जल्द होगी सुनवाई
देहरादून: प्रदेश में शिक्षकों के अनिवार्य तबादलों पर लगी रोक के बीच शिक्षा विभाग को एक बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने के लिए अब विभाग के पास ठोस आधार भी तैयार हो गया है। विभाग का तर्क है कि एक ही परिसर में दो अलग-अलग संवर्ग के विद्यालयों को दुर्गम व सुगम की श्रेणी में अलग-अलग भी माना जा सकता है, इसलिए कोटिकरण पर दोहरी व्याख्या भी संभव है।
गौरतलब है कि इस वर्ष प्रदेश में शिक्षकों के अनिवार्य तबादलों की प्रक्रिया हाईकोर्ट के आदेश के बाद से रुकी हुई है। इस आदेश में दुर्गम व सुगम विद्यालयों के कोटिकरण को लेकर उठाए गए सवालों के चलते शिक्षा विभाग असमंजस में भी था।
वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में बनी रणनीति
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन व शिक्षा सचिव रविनाथ रमन की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस मुद्दे पर गहन विचार-विमर्श भी किया गया। बैठक में न्याय और वित्त विभाग के सचिवों के साथ-साथ शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल रहे।बैठक में बताया गया कि प्राथमिक विद्यालय जिला संवर्ग में आते हैं, जबकि प्रवक्ता राज्य संवर्ग में ही होते हैं। ऐसे में प्राथमिक विद्यालय किसी के लिए सुगम हो सकता है लेकिन प्रवक्ताओं के लिए वही विद्यालय दुर्गम ही माना जा सकता है।
याचिका दाखिल की तैयारी
अब शिक्षा विभाग इस तर्क को आधार बनाकर हाईकोर्ट में याचिका भी दाखिल करने जा रहा है। बैठक के कार्यवृत्त को याचिका के साथ संलग्न भी किया जाएगा, जिसे शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की मंजूरी भी मिल चुकी है। इस याचिका के जरिए विभाग की कोशिश है कि शिक्षकों के तबादलों की प्रक्रिया को फिर से शुरू किया जा सके और कोर्ट से स्पष्ट दिशा-निर्देश भी मिल सकें।




