उत्तराखंड में लगेंगे बैटरी एनर्जी स्टोरेज प्रोजेक्ट, केंद्र से मांगी गई 500 MWh की मंजूरी और सब्सिडी
देहरादून | उत्तराखंड में अब बैटरियों में बिजली भंडारण की दिशा में एक बड़ी पहल होने जा रही है। राज्य सरकार ने 3 बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) प्रोजेक्ट्स की योजना भी तैयार कर ली है और इसके लिए केंद्र सरकार से 500 मेगावाट आवर (MWh) की मंजूरी व वायबिलिटी गैप फंडिंग (VGF) योजना के तहत सब्सिडी की मांग भी की गई है।
ऊर्जा मंत्रालय को भेजा गया प्रस्ताव
राज्य के ऊर्जा सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने इस संबंध में केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय को पत्र भी भेजा है, जिसमें 500 MWh के प्रोजेक्ट आवंटन की अनुमति मांगी गई है। यदि यह मंजूरी मिलती है, तो प्रति मेगावाट आवर पर 18 लाख रुपये की केंद्र सरकार से सब्सिडी भी मिलेगी, जिससे परियोजनाओं की लागत में काफी राहत भी मिलेगी।
कहां-कहां लगेंगे BESS प्रोजेक्ट
सरकार द्वारा तैयार की गई डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) के अनुसार:
- ढकरानी, देहरादून सब स्टेशन के पास 30 मेगावाट / 75 MWh का प्रोजेक्ट लगाया जाएगा।
- तिलोथ, उत्तरकाशी में 15 मेगावाट / 37.5 MWh का दूसरा प्रोजेक्ट प्रस्तावित है।
- तीसरा प्रोजेक्ट खटीमा सब स्टेशन के पास 37.5 MWh का होगा।
ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर कदम
इन प्रोजेक्ट्स के माध्यम से अतिरिक्त बिजली को सुरक्षित रखा भी जा सकेगा, जिससे न सिर्फ बिजली आपूर्ति में स्थायित्व आएगा, बल्कि पुनर्नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों (जैसे सौर और पवन) से उत्पन्न अतिरिक्त बिजली को स्टोर कर आपात या मांग के समय उपयोग में भी लाया जा सकेगा।




