चारधाम यात्रा 2025: बदरीनाथ हाईवे पर तैयारियां तेज, भूस्खलन क्षेत्र अब भी बना चुनौती
बदरीनाथ हाईवे पर युद्धस्तर पर चल रहा काम, आस्था पथ को यात्रियों के लिए किया जा रहा सुरक्षित
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चमोली। आगामी चारधाम यात्रा को लेकर बदरीनाथ धाम के आस्था पथ पर तैयारियां जोरों पर भी हैं। हाईवे पर डामर बिछाने से लेकर भूस्खलन वाली चट्टानों को डबल लोहे की जालियों से ढकने तक के काम युद्धस्तर पर भी किए जा रहे हैं। हालांकि कुछ पुराने भूस्खलन क्षेत्रों में अब भी स्थायी ट्रीटमेंट की कमी परेशान भी कर सकती है।
एनएचआईडीसीएल (राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम) के अनुसार कमेड़ा से कंचनगंगा तक कई ऐसे संवेदनशील क्षेत्र भी हैं, जहां बारिश के दौरान भूस्खलन से आवाजाही भी बाधित हो सकती है। यात्रा शुरू होने में एक सप्ताह ही शेष है, ऐसे में निगम पर तेजी से कार्य पूरा करने का दबाव भी है।
भूस्खलन क्षेत्रों में डबल जाली और पीक्यूसी रोड का निर्माण
- कमेड़ा, चटवापीपल, पर्थाडीप, क्षेत्रपाल, छिनका, बिरही, पाखी व लंगसी जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में लोहे की डबल जाली भी लगाई गई है।
- पागल नाला, जो कि सबसे खतरनाक भू-स्खलन क्षेत्र है, वहां 120 मीटर लंबी पीक्यूसी रोड बनाई जा रही है।
- पहाड़ी से गिरते मलबे को रोकने के लिए सेल्फ ड्रिलिंग एंकर व ग्रोटिंग की जा रही है।
कुछ स्थानों पर अब भी चुनौती
- पाताल गंगा में बनी सुरंग को फिर से नुकसान पहुंचा है। यात्रा के दौरान सिंगल लेन वैकल्पिक मार्ग से वाहनों को गुजारा जाएगा।
- बिरही चाड़ा में पिछले एक साल से कोई कार्य नहीं हुआ, जिससे यहां जाम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
- हेलंग से ज्योतिर्मठ तक डामरीकरण कार्य पूरा हो चुका है, लेकिन झड़कुला में पुल निर्माण अधूरा है।
सुविधाओं में कमी, शौचालय बदहाल
- पाखी और लंगसी में सार्वजनिक शौचालय गंदगी से भरे हैं और पानी की व्यवस्था भी नहीं है।
- पागल नाला से हेलंग तक अब भी अस्थायी शौचालय नहीं बने, जिससे यात्रियों को परेशानी भी हो सकती है।
- वाटर एटीएम भी कई जगह बंद पड़े हैं।
प्रयास जारी, एनएचआईडीसीएल का दावा
एनएचआईडीसीएल के महाप्रबंधक अजय बत्रा ने बताया कि अधिकतर क्षेत्रों में डामरीकरण कार्य पूरा भी कर लिया गया है। भूस्खलन क्षेत्रों में ट्रीटमेंट व मरम्मत तेजी से की जा रही है। यात्रा से पहले हाईवे को पूर्णतः सुरक्षित बनाने के लिए कार्य युद्धस्तर पर भी जारी है।




