मुख्यमंत्री धामी ने कैंची धाम मेले को लेकर दिए निर्देश, तीन चरणों में होगा विकास, श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के मद्देनजर व्यवस्थाएं होंगी सुदृढ़
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैंची धाम मेले की बढ़ती व्यापकता व श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए तात्कालिक, मध्यकालिक व दीर्घकालिक योजनाएं तैयार करने के निर्देश भी दिए हैं। आज गुरुवार को सीएम आवास में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि तात्कालिक उपायों से मेले के संचालन में तत्काल सुधार भी लाया जाए, जबकि मध्यकालिक और दीर्घकालिक प्रयासों से स्थायी समाधान तैयार भी किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने सेनेटोरियम से भवाली पेट्रोल पंप तक लगभग 3 किलोमीटर मार्ग पर चल रहे कटिंग कार्य को युद्धस्तर पर पूर्ण करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए, जिससे यातायात व्यवस्था को और अधिक सुचारू भी किया जा सके।
श्रद्धालुओं की संख्या में भारी वृद्धि
बैठक में जिलाधिकारी नैनीताल वंदना सिंह ने जानकारी दी कि कैंची धाम की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। बीते वर्ष लगभग 24 लाख श्रद्धालु कैंची धाम पहुंचे, जबकि इससे पूर्व यह आंकड़ा औसतन 8 लाख के आसपास भी रहता था। इस वर्ष 2.5 से 3 लाख श्रद्धालुओं के मेले में आने की संभावना भी है, जिससे ट्रैफिक व भीड़ प्रबंधन को लेकर प्रशासन ने विस्तृत योजना भी तैयार की है।
सीमित क्षमता, अधिक भीड़ – पंजीकरण प्रणाली का सुझाव
जिलाधिकारी ने बताया कि कैंची धाम की भौतिक क्षमता सीमित है, लेकिन मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या कई गुना अधिक भी हो जाती है। ऐसे में उन्होंने भविष्य में श्रद्धालुओं के लिए पंजीकरण व्यवस्था लागू करने व अधिकतम सीमा निर्धारित करने का सुझाव भी दिया, ताकि यात्रा को सुरक्षित, सुव्यवस्थित व नियंत्रण में रखा जा सके।
प्रशासनिक स्तर पर तैयारी पूरी
इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव शैलेश बगौली, अपर पुलिस महानिदेशक एपी अंशुमान, सचिव विनय शंकर पांडे, वर्चुअल माध्यम से आईजी कुमाऊं डॉ. रिद्धिम अग्रवाल व एसएसपी नैनीताल पीएस मीना सहित तमाम वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
सरकार का उद्देश्य है कि कैंची धाम मेले को श्रद्धालु-अनुकूल, सुरक्षित और व्यवस्थित बनाया जाए, ताकि भविष्य में भी श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को प्रभावी ढंग से प्रबंधित भी किया जा सके।




