कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में वन्यजीव सुरक्षा पर चिंता, तस्करी को रोकने के लिए बढ़ाया सतर्कता स्तर
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देहरादून: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व वन्यजीव संरक्षण के मामले में देश के शीर्ष क्षेत्रों में भी गिना जाता है, लेकिन तस्करों के लिए यह इलाका हमेशा संवेदनशील भी रहा है। हाल ही में अमानतगढ़ टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों की 11 हड्डियां बरामद होने के बाद कॉर्बेट रिजर्व में भी सुरक्षा बढ़ाने की जरूरत महसूस भी की जा रही है।
बाघों का घनत्व और तस्करी का खतरा
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की सबसे अधिक संख्या होने के कारण यह क्षेत्र संरक्षण के लिहाज से आदर्श है, लेकिन यही वजह तस्करों को भी आकर्षित करती है। यहां बाघ कभी-कभी रिजर्व क्षेत्र से बाहर निकल जाते हैं, जिससे वन्यजीव तस्करी का खतरा और बढ़ जाता है।
प्रशासन ने बढ़ाई सुरक्षा
वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व प्रशासन चिंतित है। उत्तर प्रदेश के अमानतगढ़ टाइगर रिजर्व में हड्डियां मिलने के बाद:
- उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश अधिकारियों के बीच विशेष बैठक हुई।
- PCCF वाइल्डलाइफ की तरफ से कॉर्बेट के लिए एडवाइजरी जारी की गई।
- वन क्षेत्र में गश्त बढ़ाई गई और तकनीक के जरिए निगरानी मजबूत की जा रही है।
- एब्स्ट्रेक्ट एप के माध्यम से जंगलों में नियमित पैट्रोलिंग सुनिश्चित की जा रही है।
अब तस्करों पर सख्ती
एपीसीसीएफ वाइल्डलाइफ विवेक पांडेय ने बताया कि
सुरक्षा बढ़ाने के लिए केंद्रीय और राज्य स्तर की संस्थाओं के साथ भी चर्चा की गई है। फिलहाल कॉर्बेट और इसके आसपास के क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ा दी गई है, ताकि बाघ व अन्य वन्यजीव तस्करों के चंगुल में न फंसें।




