महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र पर विवाद! फडणवीस सरकार के हाथ बंधे, जानें क्यों नहीं हटा सकती कब्र
महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र पर विवाद, राजनीतिक बयानबाजी और हिंसा बढ़ी

महाराष्ट्र में मुग़ल बादशाह औरंगजेब का मुद्दा एक बार अब फिर से गरमा गया है। फिल्म ‘छावा’ की रिलीज़ के बाद औरंगजेब के साथ मराठा योद्धा छत्रपति संभाजी महाराज के संघर्ष को दिखाया गया, जिसके बाद कुछ दक्षिणपंथी समूहों ने औरंगजेब की कब्र को तोड़ने की मांग भी की है। यह कब्र छत्रपति संभाजीनगर (पूर्व में औरंगाबाद) के खुलदाबाद इलाके में स्थित है।
इस विवाद ने राजनीतिक बयानबाजी को और भी तेज कर दिया है और सोमवार को नागपुर में हिंसा भड़क उठी। हिंदू संगठनों द्वारा किए गए प्रदर्शन के दौरान एक धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी की अफवाह फैलने के बाद राज्य में कानून-व्यवस्था को लेकर चिंता भी पैदा हो गई है। इस बीच, महाराष्ट्र और केंद्र सरकार के रुख पर भी सवाल उठने लगे हैं, और लोग यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि क्या सरकार औरंगजेब की कब्र हटवाने की दिशा में कदम उठा सकती है।
क्यों नहीं हटाई जा सकती औरंगजेब की कब्र?
औरंगजेब की कब्र भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के संरक्षण में है। ASI इसे ‘राष्ट्रीय महत्व का स्मारक’ मानता है, और इस कारण से इसका रखरखाव केंद्र सरकार द्वारा ही किया जाता है। महाराष्ट्र सरकार के पास इसे हटाने का अधिकार ही नहीं है, क्योंकि यह केंद्रीय संरक्षित स्मारक की श्रेणी में भी आता है।