देहरादून: 98 लाख की साइबर ठगी का मास्टरमाइंड कोलकाता से गिरफ्तार, एसटीएफ की बड़ी कामयाबी
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उत्तराखंड एसटीएफ (STF) ने एक बड़ी साइबर ठगी का पर्दाफाश करते हुए 98 लाख रुपये की ऑनलाइन धोखाधड़ी में शामिल मास्टरमाइंड मृदुल सूर को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी पर फेसबुक और व्हाट्सएप के माध्यम से फर्जी प्रोफाइल बनाकर निवेश के नाम पर लोगों को ठगने का आरोप है।
ठगी का तरीका: नकली पहचान, इंटरनेशनल नंबर, लालच और ब्लैकमेल
शिकायत के अनुसार, देहरादून निवासी पीड़ित को जुलाई 2020 में एक फर्जी फेसबुक प्रोफाइल से संपर्क किया गया। आरोपी ने खुद को एक प्रसिद्ध कंपनी का वित्तीय सलाहकार बताया और निवेश पर उच्च रिटर्न का लालच दिया।
शुरुआत में छोटे-छोटे लाभ देकर भरोसा जीतने के बाद, आरोपी ने जुलाई 2020 से अगस्त 2024 के बीच अलग-अलग बैंक खातों में कुल ₹98 लाख की रकम ट्रांसफर करवाई।
इसके बाद जब पीड़ित ने पैसे वापिस मांगे, तो आरोपी और उसके साथियों ने धमकियां देना शुरू कर दीं। उन्होंने कहा कि यह रकम अवैध गतिविधियों जैसे डेटिंग ऐप्स, चुनावी फंडिंग और शेयर बाजार में इस्तेमाल की गई है और पुलिस में जाने पर परिवार को नुकसान पहुंचाया जाएगा।
तकनीकी धोखाधड़ी: इंटरनेशनल कॉल, नकली अकाउंट, मेटा-डाटा एनालिसिस
जांच में सामने आया कि आरोपी ने:
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फेसबुक और व्हाट्सएप पर फर्जी प्रोफाइल बनाए
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अंतरराष्ट्रीय मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल किया
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बैंक खातों को पत्नी के नाम पर खुलवाया
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ठगी की रकम को अलग-अलग खातों में ट्रांसफर किया
एसटीएफ की तफ्तीश और गिरफ्तारी
दिसंबर 2024 में देहरादून साइबर थाना में दर्ज शिकायत के बाद एसटीएफ ने मेटा (फेसबुक), मोबाइल सेवा प्रदाताओं और बैंकों से डेटा मांगा।
मिली जानकारी के आधार पर आरोपी की पहचान मृदुल सूर निवासी कोलकाता, पश्चिम बंगाल के रूप में हुई। वह लंबे समय से जांच में सहयोग नहीं कर रहा था, और उसे CRPC की धारा 41 के तहत नोटिस भी भेजा गया था, जिसे उसने नजरअंदाज किया।
इसके बाद कोर्ट से गैर-जमानती वारंट (NBW) प्राप्त कर उसे गिरफ्तार किया गया।
ठगों का संगठित नेटवर्क
एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया कि मृदुल सूर एक संगठित साइबर अपराध नेटवर्क का हिस्सा है। इस गिरोह में अलग-अलग लोग:
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वित्तीय सलाहकार की भूमिका निभाते हैं
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बैंक खातों के संचालनकर्ता होते हैं
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और तकनीकी एक्सपर्ट के तौर पर फर्जी प्रोफाइल, कॉलिंग और ट्रांजेक्शन संभालते हैं।
इस घटना से एक बार फिर यह स्पष्ट हुआ है कि सोशल मीडिया और मैसेजिंग ऐप्स के जरिए होने वाली “स्मार्ट इन्वेस्टमेंट स्कीम्स” से सावधान रहें।
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किसी भी अनजान व्यक्ति को पैसा ट्रांसफर न करें
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वित्तीय सलाहकार के रूप में खुद को पेश करने वाले लोगों की पृष्ठभूमि की जांच अवश्य करें
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ऐसी किसी भी घटना की तुरंत साइबर सेल या नजदीकी पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करें




