देहरादून : राजेश सूरी हत्याकांड… बंद लिफाफा खुला, लेकिन राज अब भी हैं ‘कैद’, जानें पूरा मामला

अधिवक्ता राजेश सूरी का एडीएम कार्यालय में रखा बंद लिफाफा डेढ़ वर्ष पहले खुल तो गया, लेकिन इसके राज आज तक बंद ही हैं। सूरी ने अपनी मौत की आशंका जताते हुए इसमें 42 नाम भी लिखे थे। मगर अब तक इन नामों को उजागर ही नहीं किया गया है। एक बार फिर दिवंगत अधिवक्ता सूरी की बहन रीता सूरी ने इन नामों को उजागर करने के लिए आईजी गढ़वाल को पत्र भी लिखा है। मामले में कार्रवाई के लिए आईजी की ओर से एसएसपी देहरादून को निर्देश भी जारी किए गए हैं।
गौरतलब है कि साल 2014 में अधिवक्ता राजेश सूरी की नैनीताल से लौटते वक्त रहस्यमय मौत ही हो गई थी। उनकी बहन रीता सूरी की ओर से कोतवाली शहर में कई लोगों को नामजद कराते हुए मुकदमा भी दर्ज कराया था। उस वक्त यह बात भी सामने आई थी कि राजेश सूरी ने साल 2002 में अपनी मौत की आशंका जताते हुए कुछ नामों को एक लिफाफे में बंद कर उसे एडीएम कार्यालय में ही रखा था।
पुलिस इस मुकदमे में अंतिम रिपोर्ट भी लगा चुकी थी, लेकिन साल 2021 में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने आईजी गढ़वाल को एक बार फिर से एसआईटी गठित कर इस मामले की जांच कराने के आदेश भी दिए थे। इसके बाद अदालत के आदेश पर 30 जुलाई 2023 को यह लिफाफा भी खोल दिया गया। मगर, इसमें जो नाम लिखे हुए थे, उन्हें उजागर ही नहीं किया गया था। अब फिर से राजेश सूरी की बहन रीता सूरी ने आईजी गढ़वाल को लिफाफे के राज उजागर करने की मांग भी की है। रीता सूरी के अनुसार बंद लिफाफा खुलने के बाद भी उन्हें नहीं बताया गया कि लिफाफे में क्या व किसके नाम हैं।
जांच अधिकारी ने कोर्ट में बताया था कि लिफाफे में 42 लोगों के नाम भी दर्ज हैं। इसमें से 8 लोगों के बयान दर्ज भी हो चुके हैं। जबकि, 9 लोगों की मौत हो चुकी है। बाकी बचे 25 लोगों की खोज भी की जा रही है। न्यायालय को दी प्रगति रिपोर्ट के बाद 9 दिसंबर 2024 तक जांच अधिकारी ने उनसे कोई भी संपर्क नहीं किया और न ही संबंधित जांच के बारे में कोई भी जानकारी दी। रीता के अनुसार उनके भाई की हत्या में नामजद व संबंधित बंद लिफाफे (अब खुले) में उल्लेख नाम का पर्दाफाश न होने के कारण उनकी जान-माल का खतरा भी बढ़ गया है। रीता सूरी ने इन नामों की जानकारी पुलिस से भी मांगी है। इसे लेकर पुलिस महानिरीक्षक ने एसएसपी को आवश्यक निर्देश भी दिए हैं।