देहरादून: पुराने विक्रम और सिटी बसों से मिलेगी निजात, नए मानकों के वाहनों पर मिलेगी सब्सिडी
राजधानी में पुराने डीजल वाहनों से मिलेगी राहत, सरकार देगी 50% सब्सिडी, कैबिनेट ने हटाई तकनीकी अड़चन विक्रम और सिटी बसों की जगह अब चलेंगी BS-6 और CNG वाहन, सब्सिडी के लिए बनेगा सिंगल नोडल अकाउंट
राजधानी देहरादून में वर्षों से पर्यावरण प्रदूषण का कारण बन चुके पुराने डीजल विक्रम व सिटी बसों से अब निजात मिलने की उम्मीद भी है। प्रदेश सरकार ने उत्तराखंड स्वच्छ गतिशीलता परिवर्तन नीति, 2024 के तहत पुराने वाहनों को हटाकर नए मानकों वाले वाहन खरीदने पर 50% सब्सिडी देने का रास्ता भी साफ कर दिया है। बुधवार को राज्य कैबिनेट ने इस नीति में आ रही तकनीकी अड़चनों को दूर करते हुए सिंगल नोडल अकाउंट (SNA) खोलने की मंजूरी भी दी।
क्या था मामला?
2024 में लागू की गई स्वच्छ गतिशीलता नीति के तहत, उत्तराखंड क्लीन मोबिलिटी ट्रांजिशन फंड के नाम से एक एस्क्रो खाता बनाकर सब्सिडी देने का प्रावधान भी था। लेकिन खाते के संचालन में तकनीकी अड़चनों के चलते अब तक लाभार्थियों को कोई सहायता नहीं मिल सकी थी। अब कैबिनेट ने सिंगल नोडल अकाउंट (SNA) के माध्यम से फंड संचालित करने की मंजूरी भी दे दी है, जिससे सब्सिडी प्रक्रिया में तेजी भी आएगी।
कितनी मिलेगी सब्सिडी?
- सिटी बस खरीदने पर अधिकतम 15 लाख रुपये तक की सब्सिडी
- विक्रम व मैजिक वाहनों पर अधिकतम 3.5 लाख रुपये तक की सब्सिडी
- यदि कोई अपना पुराना वाहन दूसरे राज्य में बेचता है, तो उसे 40 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी
- वाहन स्क्रैप करने पर प्राथमिकता से सब्सिडी मिलेगी
किन्हें होगा फायदा?
देहरादून में सैकड़ों विक्रम व सिटी बसें 10 से 20 वर्ष पुरानी डीजल गाड़ियां हैं, जो पर्यावरण और ट्रैफिक व्यवस्था दोनों के लिए खतरा भी बन चुकी थीं। अब इन वाहन स्वामियों को पुराने वाहन स्क्रैप में देकर नया BS-6 या CNG वाहन खरीदने पर सरकार से सीधी आर्थिक मदद भी मिलेगी।
पर्यावरणीय और प्रशासनिक लाभ
यह कदम न केवल राजधानी के वायु प्रदूषण को कम करेगा, बल्कि सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को भी आधुनिक व सुरक्षित बनाएगा। साथ ही, उत्तराखंड सरकार के ग्रीन ट्रांसपोर्ट लक्ष्य की दिशा में यह बड़ा कदम भी माना जा रहा है।



