दिल्ली विधानसभा चुनाव: भाजपा की प्रचंड जीत में पहाड़ के दो लाल शामिल

दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) की प्रचंड जीत में उत्तराखंड के दो नेता भी शामिल हैं। पटपड़गंज से भाजपा प्रत्याशी रवींद्र नेगी उर्फ रवि नेगी ने आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार अवध ओझा को 28 हजार से अधिक मतों से हराया, वहीं मुस्तफाबाद से भाजपा प्रत्याशी मोहन सिंह बिष्ट ने छठी बार जीत दर्ज कर एक नया इतिहास रच दिया।
रवि नेगी का चुनावी सफर
पटपड़गंज से जीतने वाले रवि नेगी मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के लमगड़ा क्षेत्र के डोल गांव के निवासी हैं। उनके परिवार के सदस्य हल्द्वानी में रहते हैं। पिछली बार भी उन्हें भाजपा ने प्रत्याशी बनाया था, लेकिन वह आप के नेता मनीष सिसोदिया से थोड़ा सा अंतर से हार गए थे। इस बार भाजपा ने उन्हें फिर से मौका दिया, और रवि नेगी ने जीत हासिल की। चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनका एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह तीन बार पीएम मोदी के पांव छूते हुए दिखाई दिए थे। अब भाजपा की भारी जीत के बाद, दिल्ली में मंत्री बनने की उम्मीदें भी पहाड़ के लोगों के बीच जोर पकड़ रही हैं।
मोहन सिंह बिष्ट की ऐतिहासिक जीत
दिल्ली के करावल नगर से लगातार पांच बार विधायक रह चुके मोहन सिंह बिष्ट को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया था, जिसके बाद उन्होंने नाराजगी जताई और पार्टी ने उन्हें मुस्लिम बहुल मुस्तफाबाद सीट से प्रत्याशी बनाया। यहां उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) के आदिल अहमद खान को 17 हजार से अधिक वोटों से हराया।
मोहन बिष्ट, जो मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के सल्ट क्षेत्र के अजोली गांव के निवासी हैं, ने छठी बार जीत हासिल की। वह पहले भी 1998, 2003, 2008, 2013, और 2020 में विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं।
उत्तराखंड से जुड़े दोनों नेता
रानीखेत के विधायक प्रमोद नैनवाल के अनुसार, मोहन बिष्ट और रवि नेगी दोनों ही अपने गांव से गहरा लगाव रखते हैं और दिल्ली में रहते हुए उत्तराखंड के पहाड़ी समुदाय की मदद करते रहे हैं। दिल्ली में करीब 40 लाख उत्तराखंडी प्रवासी रहते हैं, और इन नेताओं की जीत उनके लिए एक बड़ी राहत है।