दून एयरपोर्ट पर आपदा मॉकड्रिल – लैंडिंग गियर फेल होने पर विमान में लगी आग, रेस्क्यू ऑपरेशन में निकाले गए घायल
देहरादून एयरपोर्ट पर प्लेन क्रैश मॉकड्रिल, लैंडिंग गियर फेल होने की स्थिति में 45 मिनट चला रेस्क्यू ऑपरेशन

देहरादून। जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पर एक प्लेन क्रैश की मॉकड्रिल आयोजित की गई, जिसमें लैंडिंग गियर फेल होने के कारण विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने व आग लगने की आपात स्थिति का अभ्यास भी किया गया। मॉकड्रिल के दौरान घायलों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया व आग पर नियंत्रण पाने के लिए दमकल कर्मियों ने त्वरित कार्रवाई भी की।
150 से अधिक कर्मी, 8 विभागों की टीमों ने लिया हिस्सा
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के दिशा-निर्देशों के तहत इस अभ्यास में एयरपोर्ट व बाहरी एजेंसियों की कुल 8 टीमें शामिल रहीं। एयरपोर्ट निदेशक प्रभाकर मिश्रा ने बताया कि
अभ्यास का उद्देश्य आपात स्थिति में सभी एजेंसियों के बीच समन्वय, प्रतिक्रिया समय व संसाधनों की उपलब्धता का मूल्यांकन भी करना था।
इन एजेंसियों ने निभाई अहम भूमिका:
- एयरपोर्ट फायर सर्विस
- भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (भाविप्रा)
- केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF)
- एयरलाइंस स्टाफ
- राज्य अग्निशमन सेवा
- एसडीआरएफ
- एम्स ऋषिकेश एयरपोर्ट यूनिट
- हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट
- राज्य स्वास्थ्य विभाग
बस को डमी विमान बनाकर किया गया अभ्यास
एक बस को डमी विमान के रूप में भी प्रयोग किया गया, जिसमें आग लगने के बाद दो दमकल वाहनों की मदद से आग पर काबू भी पाया गया। ऑटोमेटिक कटर व अन्य रेस्क्यू उपकरणों से ‘घायलों’ को निकाला गया और 45 मिनट तक चला यह रेस्क्यू ऑपरेशन प्राथमिक उपचार, यात्री निकासी व सुरक्षा उपायों की परीक्षा के लिए आयोजित भी किया गया था।
अभ्यास में रहे ये अधिकारी मौजूद
मॉकड्रिल के दौरान संयुक्त महाप्रबंधक नितिन कादियान, फायर इंचार्ज ऊर्बादत्त भट्ट, CISF के असिस्टेंट कमांडेंट केसी श्रीवास्तव, और रविंद्र गुप्ता सहित अन्य प्रमुख अधिकारी भी मौके पर उपस्थित रहे।