कोटडीप-राड़ीबगड़ में बरसी आफत, सीएम धामी ने सुनी प्रभावितों की पीड़ा
थराली (चमोली): थराली के कोटडीप व राड़ीबगड़ इलाके में आसमान से बरसी आफत ने लोगों की जिंदगी तहस-नहस ही कर दी। बारिश व मलबे ने पलभर में कई परिवारों के आशियाने और जीवनभर की जमा पूंजी को तबाह भी कर दिया। कई लोग अब बेघर हो गए हैं और अपने भविष्य को लेकर गहरी चिंता में भी हैं।
आपदा प्रभावित करीब 20 से 25 लोग फिलहाल राहत व बचाव केंद्र राजकीय पॉलीटेक्निक में शरण भी लिए हुए हैं। रविवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी कुलसारी हेलिपैड पहुंचे और वहां से सीधे प्रभावितों से मिलने राहत केंद्र में पहुंचे।
इस दौरान आपदा में बेटी खो चुके नरेंद्र सिंह अपनी व्यथा सुनाते हुए फफक ही पड़े। उन्होंने कहा—
“जीवनभर की एक-एक पाई जोड़कर घर बनाया था, लेकिन अब सब मलबा ही हो गया… बेटी कविता की मौत ने हमें पूरी तरह से तोड़ दिया।”
वहीं, कोटडीप की सावित्री देवी ने बताया कि
रात करीब 12 बजे अचानक मलबा आने लगा व उसके साथ वाहन बहकर उनके मकान के पास में आ गिरे। जब तक वे कुछ समझ पातीं, उनका घर ही ढह चुका था। पति के साथ किसी तरह बाहर निकलीं, लेकिन अब उनके पास न घर है, न ही बच्चों के लिए कोई सहारा।
एक अन्य महिला ने बताया कि
बारिश के दौरान जब अलर्ट किया गया तो उन्होंने अपने 3 छोटे बच्चों व बीमार सास को बाहर निकालना शुरू किया। इतने में पूरा मलबा घर में ही घुस गया और कपड़े समेत सभी जरूरी सामान भी दब गया। रिश्तेदारों की मदद से ही अब वे गुजर-बसर कर रही हैं।
पीड़ितों ने सीएम से गुहार लगाई कि थराली के लोअर बाजार व कोटडीप बस्ती में आपदा से सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए जाएं और जिनके मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं उनका विस्थापन भी सुनिश्चित किया जाए।




