जिलाधिकारी सविन बंसल ने धारा 166, 167 के मामलों की समीक्षा की, कार्रवाई का निर्देश
डीएम : धारा 166,167 अंतर्गत 750 बीघा भूमि पर कब्जा वापसी शुरू। 28 फरवरी तक सभी जमीनों पर होगी प्रशासन की परचम। 300 बीघा भूमि ऑलरेडी कर ली हैं निहित कोर्ट कार्य की गई फास्ट ट्रेक: डीएम 166, 167 की कार्यवाही सिर्फ नोटिस तक सीमित नहीं, प्रशासन है जनसंपत्ति का अभिरक्षक: डीएम

जिलाधिकारी सविन बंसल ने देर शाम कलेक्ट्रेट स्थित ऋषिपर्णा सभागार में धारा 166 और 167 के वादों की समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने भूमि खरीद-फरोख्त से जुड़े नियमों के उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई करने की बात कही। जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि राज्य सरकार के प्रावधानों के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति भूमि धोखाधड़ी में संलिप्त पाया गया तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में जिलाधिकारी ने तहसील स्तर पर लंबित मामलों के शीघ्र निस्तारण की आवश्यकता पर बल दिया और अधिकारियों को समयबद्ध तरीके से मामलों का समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही भूमि धोखाधड़ी से जुड़ी जागरूकता अभियान चलाने का भी निर्देश दिया गया।
धारा 166 और 167 के वादों के निस्तारण में तेजी
जिलाधिकारी ने अधिकारियों से कहा कि वादों के निस्तारण में गंभीरता दिखाते हुए इस माह के अंत तक प्रभावी कार्यवाही की जाए और धारा 166, 167, 154, 157 के सभी मामलों का समाधान सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि ये कार्यवाही सिर्फ नोटिस तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि जनसंपत्ति के सुरक्षा के लिए प्रशासन को पूरी जिम्मेदारी निभानी होगी।
750 बीघा भूमि पर कब्जा वापसी, 300 बीघा पहले ही निहित
जिलाधिकारी ने इस दौरान कहा कि धारा 166 और 167 के तहत 750 बीघा भूमि पर कब्जा वापसी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, और 28 फरवरी तक सभी जमीनों पर प्रशासन का परचम फहराया जाएगा। उन्होंने बताया कि पहले ही 300 बीघा भूमि को निहित किया जा चुका है और कोर्ट कार्यवाही को फास्ट ट्रैक पर लिया गया है।
विधिक कार्यवाही और निस्तारण पर जोर
जिलाधिकारी ने सभी उपजिलाधिकारियों से कहा कि वे अपनी-अपनी तहसील में वादों के निस्तारण की स्थिति और की गई कार्यवाही की विस्तृत रिपोर्ट हर सप्ताह प्रस्तुत करें।
इस बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन जयभारत सिंह, उप जिलाधिकारी कालसी गौरी प्रभात, देहरादून सदर कुमकुम जोशी, विकासनगर विनोद कुमार, चकराता योगेश मेहरा, डोईवाला अपर्णा ढौंडियाल, ऋषिकेश स्मृति परमार और समस्त तसीलदार उपस्थित रहे।