गढ़वाल सांसद ने किया आपदाग्रस्त क्षेत्र केदारघाटी का निरीक्षण
गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी आज शनिवार आपदाग्रस्त क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण करने सोनप्रयाग पहुंचे। इस दौरान उन्होंने हवाई निरीक्षण के साथ ही स्थलीय निरीक्षण कर प्रभावित लोगों व रेस्क्यू कर लाए जा रहे यात्रियों से कुशलक्षेम पूछी। केदारघाटी में विगत दिनों हुई अत्यधिक बारिश के कारण उन्होंने जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे राहत व बचाव कार्यों का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने विभिन्न पड़ावों में फंसे हुए श्रद्धालुओं व स्थानीय लोगों का रेस्क्यू करने के लिए जिला प्रशासन व संबंधित टीमों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
सोनप्रयाग में स्थलीय निरीक्षण करने के बाद गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी ने कहा कि केदारघाटी में बीते दिनों हुई अतिवृष्टि के बाद प्रकृति ने अपना रौद्र रूप दिखाया है। इस अतिवृष्टि से जगह-जगह मार्ग क्षतिग्रस्त और बंद हुए हैं। साथ ही कई लोग विभिन्न स्थानों में फंसे हुए हैं। उन्होंने बताया कि इस घटना के बाद से जिला प्रशासन सहित एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, एनडीआरएफ व पुलिस के जवानों द्वारा लगातार रेस्क्यू कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिन भी स्थानों में लोग फंसे हुए हैं वहां पर प्रशासन की टीमें पूरी मुस्तैदी के साथ तैनात हैं और फंसे हुए लोगों का रेस्क्यू अभियान लगातार जारी है। उन्होंने बताया कि फंसे हुए लोगों को खाने और पीने का पानी निरंतर उपलब्ध कराया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन की फंसे हुए लोगों को पूरी तरह सुरक्षित निकालने का रेस्क्यू अभियान लगातार जारी है। उन्होंने आश्वस्त होते हुए बताया कि सभी फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकाल दिया जाएगा। किसी भी आवश्यकता के लिए धामी सरकार केंद्र सरकार के संपर्क में है। इसके अतिरिक्त प्रदेश के मुख्यमंत्री यहां के हालातों की निरंतर माॅनीटरिंग कर रहे हैं। बताया कि केदारनाथ यात्रा मार्ग के राष्ट्रीय राजमार्गों के जल्द से जल्द सुधारीकरण के लिए उनके द्वारा केंद्रीय सड़क व परिवहन मंत्री से वार्ता की गई है। उन्होंने कहा कि अभी भी लगभग एक हजार श्रद्धालु फंसे हुए हैं जिनसे लगातार संपर्क किया जा रहा है। उन्हें खाने व पेयजल की समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने जिलाधिकारी को फंसे हुए लोगों का शीघ्र रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित निकालने के निर्देश दिए गए।
इस अवसर पर जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने गढ़वाल सांसद को राहत व बचाव कार्यों की जानकारी देते हुए अवगत कराया कि अतिवृष्टि के बाद से निरंतर स्थानीय जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन सहित एनडीआरएफ, डीडीआरएफ, एसडीआरएफ व अन्य संबंधित विभागीय अधिकारियों द्वारा निरंतर रेस्क्यू अभियान जारी है। उन्होंने बताया कि अभी तक यात्रा मार्ग में फंसे हुए लगभग 7500 से अधिक लोगों का सफल रेस्क्यू किया जा चुका है। साथ ही फंसे हुए श्रद्धालुओं को आवश्यकता के अनुसार भोजन, पानी व अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि सभी विभागों को उनसे संबंधित व्यवस्थाएं सुचारू करने के भी निर्देश दिए गए हैं। साथ ही फंसे हुए लोगों से लगातार संपर्क किया जा रहा है। जिन्हें जल्द ही रेस्क्यू कर सुरक्षित निकालने की कार्यवाही गतिमान है।