उत्तराखंड सरकार ने शिक्षकों के चयन और प्रोन्नत वेतनमान के साथ एक अतिरिक्त वेतनवृद्धि की वसूली पर भी रोक लगा दी है। शासन के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया है।
प्रदेश में शिक्षकों को 10 वर्ष में चयन और 22 वर्ष में प्रोन्नत वेतनमान दिया जाता है। शिक्षकों के अनुसार, 7वें वेतनमान के बाद एसीपी और चयन वेतनमान स्वीकृत होने पर एक वेतनवृद्धि दिए जाने का नियम है। हालांकि, साल 2019 में जारी शासनादेश ने वेतनवृद्धि न देने का निर्णय भी लिया था, जिसके बाद शिक्षकों से वसूली की समस्या भी उत्पन्न हो गई थी।
राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री रमेश पैन्युली के अनुसार, इस आदेश के खिलाफ शिक्षक अदालत में भी गए थे। अदालत के आदेश पर अब शासन ने वेतनवृद्धि की वसूली पर अगले आदेश तक रोक भी लगा दी है। शिक्षा निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती ने भी शासन के निर्देश का पालन करते हुए इस आदेश को जारी भी किया है।




