
हरिद्वार : श्रावण मास में आस्था व भक्ति का संगम बन चुका हरिद्वार अब डाक कांवड़ियों की आहट से और अधिक संजीव भी हो उठा है। पैदल कांवड़ यात्रा के बाद अब डाक कांवड़ का जनसैलाब हरिद्वार भी पहुंचने लगा है, जिससे बैरागी कैंप क्षेत्र पूरी तरह डाक कांवड़ियों के हवाले ही हो गया है। अगले 5 दिन तक यह क्षेत्र कांवड़ियों की धार्मिक ऊर्जा, उत्साह व भक्ति से सराबोर में रहेगा।
22 जुलाई तक चरम पर रहेगा डाक कांवड़ मेला
आज शुक्रवार से डाक कांवड़ के वाहन हरिद्वार पहुंचने शुरू भी हो चुके हैं। बाइक, कारों व ट्रकों में सवार लाखों श्रद्धालु अगले 22 जुलाई तक गंगाजल लेने के लिए उमड़ते ही रहेंगे। हरिद्वार का कनखल क्षेत्र इस समय सबसे अधिक व्यस्त भी हो गया है, जहां से सिंहद्वार के माध्यम से डाक कांवड़ियों को रवाना भी किया जाएगा।
श्रद्धा के आंकड़े तोड़ रहे रिकॉर्ड
इस बार कांवड़ मेले में भक्तों की संख्या सभी रिकॉर्ड पीछे ही छोड़ रही है। 10 जुलाई से लेकर बुधवार तक कुल 1 करोड़ 16 लाख 90 हजार शिवभक्त हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान भी कर चुके हैं। इनमें सबसे अधिक श्रद्धालु हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली व राजस्थान से हैं।
वहीं, पिछले वर्ष इसी अवधि में मात्र 49 लाख 40 हजार शिवभक्तों ने कांवड़ यात्रा की ही थी, जो इस बार दोगुने से भी और अधिक हो चुके हैं।
बैरागी कैंप बन गया डाक कांवड़ियों का केंद्र
हरिद्वार प्रशासन द्वारा इस वर्ष भी बैरागी कैंप को विशेष रूप से डाक कांवड़ियों के लिए आरक्षित भी किया गया है। आमतौर पर कुंभ, अर्द्धकुंभ व स्नान पर्वों के दौरान इस क्षेत्र का उपयोग किया जाता है, लेकिन 2012 में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक आईपीएस अरुण मोहन जोशी की पहल पर पहली बार डाक कांवड़ वाहनों की व्यवस्था बैरागी कैंप में ही कराई गई थी। तब से यह प्रणाली बेहद सफल मानी जा रही है और अब हर वर्ष इसी स्थान पर डाक कांवड़ का संचालन होता है।
प्रशासन सतर्क, व्यवस्थाएं चाकचौबंद
बढ़ती भीड़ व डाक कांवड़ की तीव्रता को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर भी है। यातायात, चिकित्सा, पेयजल व सफाई की विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा भी न हो।