हेमकुंड साहिब: कपाट खुलने की तैयारियां अंतिम चरण में, ऋषिकेश से पहला जत्था रवाना
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सिख श्रद्धालुओं की आस्था के पवित्र तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब के कपाट 25 मई को खुलने जा रहे हैं। इसे लेकर गुरुद्वारा प्रबंधन समिति व प्रशासन पूरी तरह तैयारियों में जुट गया है। सोमवार को ऋषिकेश से श्रद्धालुओं का पहला जत्था राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) गुरमीत सिंह ने हरी झंडी दिखाकर रवाना भी किया।
आस्था पथ से हट चुकी है बर्फ
हेमकुंड साहिब के लिए श्रद्धालुओं को घांघरिया से ऊपर पैदल मार्ग से जाना होता है। गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के प्रबंधक सेवा सिंह ने बताया कि आस्था पथ से बर्फ हटाने का कार्य भी पूरा हो चुका है, जिससे श्रद्धालुओं की यात्रा को सुगम भी बनाया जा सके।
सात क्विंटल फूलों से सजेगा गुरुद्वारा परिसर
हेमकुंड साहिब, गोविंदघाट व घांघरिया स्थित तीनों गुरुद्वारों को 7 क्विंटल फूलों व रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया जा रहा है। गुरुद्वारों की भव्य सजावट श्रद्धालुओं को अध्यात्मिक आनंद के साथ भक्ति का एहसास भी कराएगी।
सुरक्षा के लिए लग रही रेलिंग
लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) की ओर से घांघरिया से ऊपर के पैदल मार्ग पर सुरक्षा रेलिंग लगाने का काम भी जारी है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कपाट खुलने से पहले रेलिंग का काम पूरा भी कर लिया जाएगा, ताकि श्रद्धालु सुरक्षित तरीके से यात्रा कर सकें।
मुख्य बातें:
- 25 मई को खुलेंगे हेमकुंड साहिब के कपाट
- राज्यपाल ने ऋषिकेश से जत्थे को किया रवाना
- तीनों गुरुद्वारे फूलों और लाइटों से सजाए जा रहे
- आस्था पथ से पूरी तरह हट चुकी है बर्फ
- घांघरिया से ऊपर मार्ग पर सुरक्षा के लिए रेलिंग लगाई जा रही
श्रद्धा और सुरक्षा का संगम
हेमकुंड साहिब यात्रा हर वर्ष हजारों श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत होती है। इस बार प्रशासन और गुरुद्वारा प्रबंधन ने श्रद्धा के साथ सुरक्षा व सुविधा को प्राथमिकता दी है। कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड के धार्मिक पर्यटन सीजन की औपचारिक शुरुआत भी हो जाएगी।




