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कैलाश मानसरोवर यात्रा पांच साल बाद फिर से शुरू हो सकती है, जल्द मिल सकती है शुभ सूचना

कैलाश मानसरोवर यात्रा 5 साल बाद फिर से शुरू होने की उम्मीद, मई से हो सकती है शुरुआत

न्यूज़ रिपोर्टर नेटवर्क, देहरादून, 29 जनवरी 2025: आखिरकार, 5 वर्ष बाद विश्व प्रसिद्ध कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू हो सकती है। विदेश मंत्रालय की दिल्ली में हुई एक बैठक में इस दिशा में सकारात्मक संकेत भी मिले हैं। पिथौरागढ़ के जिला पर्यटन अधिकारी कीर्ति चंद्र ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मई माह से यह यात्रा फिर से शुरू हो सकती है और इसके लिए प्रदेश सरकार और पर्यटन विभाग पूरी तरह तैयार हैं।

कीर्ति चंद्र ने बताया कि विदेश मंत्रालय में कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक भी आयोजित की गई, जिसमें उन्होंने भी भाग लिया। बैठक में यात्रा को फिर से शुरू करने के सकारात्मक संकेत मिले हैं और उम्मीद जताई जा रही है कि मई से यात्रा की शुरुआत भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि इस यात्रा को लेकर पर्यटन विभाग, जिला प्रशासन और प्रदेश सरकार पूरी तरह से तैयार हैं। उन्होंने यह भी बताया कि धारचूला से लिपुपास तक सड़क पहले ही तैयार हो चुकी है। यात्रियों के ठहरने के लिए केएमवीएन के हर्ट्स भी तैयार कर दिए गए हैं, जिससे यात्रा सफलतापूर्वक संचालित होने की उम्मीद जताई जा रही है।

  • कोरोना काल से बंद है ये धार्मिक यात्रा

चीन स्थित कैलाश मानसरोवर, जो देश-विदेश के लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र है, कोरोना काल के बाद से बंद पड़ा हुआ है। साल 2019 तक हर वर्ष दुनियाभर से भक्त भगवान शिव के निवास स्थान कैलाश के दर्शन के लिए पहुंचते थे, लेकिन कोरोना महामारी के कारण यात्रा बंद हो गई और चीन के साथ रिश्ते भी बिगड़े, जिसके कारण यह यात्रा पूरी तरह ठप हो गई। इसके बाद भक्तों को निराशा का सामना करना पड़ा। हाल ही में केंद्र सरकार ने कैलाश यात्रा को फिर से शुरू करने की पहल की, और अब इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। इस बार यात्रा के फिर से शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है, जिससे भक्तों को एक नई आशा मिल सकती है।

  • भारत-चीन व्यापार भी है ठप

कैलाश मानसरोवर यात्रा के साथ ही कोरोना काल के बाद भारत-चीन व्यापार पर भी रोक लग गई थी, जिसके कारण दोनों देशों के व्यापारियों को बड़ा नुकसान भी हुआ। भारतीय व्यापारियों का तकलाकोट मंडी में सामान डंप पड़ा हुआ है, जिससे उन्हें लाखों रुपये का नुकसान भी हुआ है। अब उम्मीद जताई जा रही है कि कैलाश यात्रा के साथ-साथ दोनों देशों के बीच व्यापार भी फिर से शुरू हो सकता है।

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