उत्तराखंड

मसूरी: जल संस्थान और नगर पालिका के बीच विवाद गहराया, स्टाफ रूम पर कब्जे और पानी कनेक्शन काटने को लेकर टकराव

दोनों विभागों के अधिकारियों में तीखी तकरार, सोमवार को उच्चस्तरीय बैठक में होगा फैसला

मसूरी, उत्तराखंड। पहाड़ों की रानी मसूरी में इन दिनों प्रशासनिक टकराव का तापमान बढ़ा ही हुआ है। नगर पालिका प्रशासन व गढ़वाल जल संस्थान के बीच एक स्टाफ रूम व पानी कनेक्शन को लेकर विवाद ने गंभीर रूप भी ले लिया है। दोनों विभागों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं, जिससे शहर में अफसरशाही की खींचतान खुलकर सामने भी आ गई है।

कैसे शुरू हुआ विवाद?

मामले की शुरुआत तब हुई जब नगर पालिका का एक कर्मचारी गढ़वाल जल संस्थान के स्टाफ रूम पर जा पहुंचा और वहां कब्जा करने की कोशिश भी की। जल संस्थान का आरोप है कि यह कब्जा बिना किसी आधिकारिक अनुमति के ही किया जा रहा था। जवाब में जल संस्थान के कर्मचारियों ने कमरे का सामान ही बाहर निकालकर रूम को दोबारा अपने नियंत्रण में भी ले लिया।

पालिका का आरोप – कर्मचारियों के पानी कनेक्शन काटे

इस घटना के बाद नगर पालिका प्रशासन भी मैदान में उतरा और गढ़वाल जल संस्थान पर पलटवार करते हुए आरोप भी लगाया कि संस्थान ने बिना सूचना के उनके कर्मचारियों के पानी के कनेक्शन काट दिए, जिससे उन्हें भारी परेशानियों का सामना भी करना पड़ा।

तंवीर महवाह, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका, ने कहा:

“हमने जल संस्थान को कार्यालय खोलने के लिए नगर पालिका की जमीन भी दी थी, लेकिन अब वही संस्थान हमारे कर्मचारियों को प्रताड़ित भी कर रहा है। यह पूरी तरह अनुचित व दुर्भाग्यपूर्ण भी है।”

जल संस्थान की सफाई

अमित कुमार, अधिशासी अभियंता, गढ़वाल जल संस्थान ने बताया:

“पालिका का एक कर्मचारी बिना अधिकारिक अनुमति के हमारे स्टाफ रूम में घुसने की कोशिश भी कर रहा था। हमने जबरन कब्जे को रोका व कक्ष को वापस अपने नियंत्रण में लिया। ऐसे अतिक्रमण को बर्दाश्त ही नहीं किया जा सकता।”

पानी कनेक्शन जोड़े गए, लेकिन विवाद बरकरार

विवाद के बाद, दोपहर में जल संस्थान ने कटे हुए कनेक्शन दोबारा से जोड़ दिए, जिससे स्थिति कुछ हद तक सामान्य भी हुई। बावजूद इसके, तनाव की स्थिति बरकरार ही है और मामला अब उच्च अधिकारियों तक भी पहुंच चुका है।

सोमवार को होगा फैसला

विवाद के समाधान के लिए आगामी सोमवार को एक अहम बैठक भी बुलाई गई है, जिसमें नगर पालिका व जल संस्थान के वरिष्ठ अधिकारी आमने-सामने बैठकर पूरे घटनाक्रम की समीक्षा व समाधान पर चर्चा भी करेंगे।

जनता में नाराजगी

इस प्रशासनिक लड़ाई का असर आम जनता व कर्मचारियों पर भी देखने को मिल रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अधिकारियों की आपसी खींचतान का खामियाजा आम लोगों को भी भुगतना पड़ रहा है, जो निंदनीय है। नागरिकों ने दोनों विभागों से आपसी समन्वय बनाने व जल्द समाधान की मांग भी की है।

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