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ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान बौखलाया, भारत ने हमलों को किया नाकाम, कराची बंदरगाह तबाह

नई दिल्ली। भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने गुरुवार रात को बदले की नाकाम कोशिश भी की। रात 8 से 10 बजे के बीच पाकिस्तान ने भारत के जम्मू, पठानकोट, फिरोजपुर, कपूरथला, जालंधर व जैसलमेर स्थित सैन्य ठिकानों पर ड्रोन, मिसाइल और लड़ाकू विमानों से हमला करने का प्रयास भी किया, जिसे भारतीय सेनाओं ने मुंहतोड़ जवाब देते हुए पूरी तरह विफल भी कर दिया।

भारतीय वायुसेना ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के चार लड़ाकू विमान — 2 एफ-16 (F-16) और 2 जेएफ-17 (JF-17) — मार गिराए। इनमें से एक एफ-16 जैसलमेर और एक जेएफ-17 अखनूर क्षेत्र में गिरा। दोनों के पायलटों को भारतीय सैन्य बलों ने हिरासत में भी ले लिया है।

पाकिस्तान के सात शहरों पर भारत का जवाबी हमला

भारत ने पाकिस्तान के दुस्साहस का करारा जवाब देते हुए लाहौर, इस्लामाबाद, सियालकोट, पेशावर सहित 7 प्रमुख शहरों में थल, वायु व नौसेना की संयुक्त कार्रवाई भी शुरू की। विशेष रूप से सियालकोट स्थित सैन्य मुख्यालय व लाहौर की हवाई चेतावनी प्रणाली (AWACS) को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया गया, जिससे लाहौर और उसके आसपास भारतीय वायुसेना के लिए अभियान आसान भी हो गया है।

 

नौसेना ने 1971 के बाद पहली बार खोला मोर्चा, कराची बंदरगाह ध्वस्त

भारतीय नौसेना ने भी इस अभियान में सक्रिय भागीदारी भी की। INS विक्रांत व कोलकाता क्लास विध्वंस पोतों से दागी गई मिसाइलों ने कराची बंदरगाह को भारी नुकसान पहुंचाया। यह नौसेना का 1971 युद्ध के बाद पहली बार पाकिस्तान पर बड़ा प्रत्यक्ष हमला भी था।

 

एयर डिफेंस सिस्टम ने मिसाइल और ड्रोन हमले रोके

हमले की शुरुआत होते ही भारत ने S-400 और स्वदेशी आकाश वायु रक्षा प्रणाली को भी सक्रिय कर दिया। सूत्रों के अनुसार, इन प्रणालियों ने पाकिस्तान की 8 मिसाइलें और 30 से अधिक ड्रोन इंटरसेप्ट कर नष्ट भी कर दिए। जम्मू यूनिवर्सिटी, सांबा सेक्टर, पठानकोट व जैसलमेर में भी कई ड्रोनों और मिसाइलों को भी गिराया गया।

 

देश के कई हिस्सों में ब्लैकआउट

सुरक्षा कारणों से गुरुवार रात जम्मू, श्रीनगर, पठानकोट, जैसलमेर और भुज में ब्लैकआउट कर दिया गया। इससे हवाई हमलों को लेकर नागरिकों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सकी।

सेना ने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान की ओर से किए गए हमलों में किसी प्रकार का कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है, और भारतीय सुरक्षा बलों की सतर्कता ने देश को एक बड़े संकट से भी बचा लिया है।

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