उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन पर पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स इंडस्ट्री का सम्मेलन, विशेषज्ञों ने दी महत्वपूर्ण सलाह
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देहरादून। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा शुक्रवार को राजपुर रोड स्थित एक होटल में आयोजित सम्मेलन में आपदा प्रबंधन की चुनौतियों और उनसे निपटने के तरीकों पर गहन मंथन किया गया। सम्मेलन में विशेषज्ञों ने विकास के साथ पर्यावरण और प्रकृति के संरक्षण की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राज शेखर जोशी ने सम्मेलन में पीएचडी चैंबर की राज्य में आपदा प्रबंधन के लिए की गई पहल की सराहना की। उन्होंने कहा, “उत्तराखंड आपदा दृष्टि से संवेदनशील राज्य है, और विकास कार्यों के साथ पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे, इस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।”
सम्मेलन में पर्यावरणविद पदमभूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने ‘ईकोलॉजी से ईकोनॉमी’ का मंत्र दिया और कहा, “जब पर्यावरण सुरक्षित रहेगा, तभी हम विकास में भी आगे बढ़ सकते हैं।”
राष्ट्रीय आपदा प्राधिकरण के सदस्य राजेंद्र सिंह ने आपदा प्रबंधन के अपने अनुभव साझा किए, जबकि डॉ. राजेंद्र डोभाल ने आपदा प्रबंधन रणनीतियों और जोखिम न्यूनीकरण पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री उत्तराखंड के अध्यक्ष हेमंत कोचर ने राज्य के भूकंप संवेदनशील जोन में होने की बात पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हालांकि उत्तराखंड आपदा दृष्टि से संवेदनशील है, लेकिन विकास कार्यों में इस बात को नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में बने कानूनों की प्रभावी पूर्ति नहीं हो रही, जो आपदाओं को बढ़ावा देती है।
कार्यक्रम के दौरान, पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने राज्य में आपदा प्रबंधन और नीतियों में सुधार के लिए एक पहल की बात भी की। इस सम्मेलन में क्षेत्रीय निदेशक विशाल काला, उप महासचिव डॉ. जतिंदर सिंह समेत अन्य प्रमुख लोग भी उपस्थित थे।
इस सम्मेलन ने उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन को सुधारने और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता को स्पष्ट किया।




