आयुष्मान कार्ड पर सियासी घमासान, राशन कार्ड की अनिवार्यता पर विरोध शुरू
आयुष्मान भारत योजना में विसंगतियां, सरकार पर उठे सवाल: शिवप्रसाद सेमवाल
देहरादून: आयुष्मान भारत योजना के तहत जारी किए जा रहे कार्ड और इलाज की प्रक्रिया में कई विसंगतियां सामने आई हैं, जिनका शीघ्र निस्तारण भी जरूरी है। इन खामियों के कारण सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं। राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल ने प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि आयुष्मान कार्ड के लिए राशन कार्ड की अनिवार्यता आम जनता के लिए परेशानी का कारण भी बन गई है।
राशन कार्ड की अनिवार्यता से परेशानी
शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि हाल ही में आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए राशन कार्ड को अनिवार्य कर दिया गया है। इस वजह से जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, वे योजना का लाभ ही नहीं ले पा रहे हैं। इसके अलावा, जिन लोगों को राशन कार्ड की आवश्यकता नहीं थी, उन्हें भी मजबूरी में राशन कार्ड बनवाना पड़ रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि राशन कार्ड की पात्रता के अनुसार 40,000 रुपये प्रति माह या 5 लाख रुपये से अधिक वार्षिक आय वाले नागरिक राशन कार्ड नहीं बनवा सकते, और ऐसे लोग आयुष्मान कार्ड के लिए भी पात्र ही नहीं हो पा रहे हैं।
सरकार पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप
उन्होंने सरकार पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप भी लगाया और सवाल किया कि अगर सरकार आयुष्मान कार्ड के लिए कोई आय सीमा नहीं होने का दावा कर रही है, तो फिर राशन कार्ड की अनिवार्यता क्यों की गई? इसने लोगों को अपनी आय छिपाने व गलत जानकारी देने के लिए मजबूर कर दिया है, और सरकार के पास निजी व्यवसाय करने वालों की वास्तविक आय जानने का कोई प्रभावी तरीका ही नहीं है।
ब्लैक मार्केटिंग और राजस्व का नुकसान
शिवप्रसाद सेमवाल ने यह भी कहा कि राशन कार्ड धारकों को मिलने वाला अनाज कई बार ब्लैक मार्केट में बेचा भी जाता है, जिससे सरकार को राजस्व का दोहरा नुकसान भी हो रहा है।
उत्तराखंड के बजाय यूपी के लोगों को मिल रहा ज्यादा लाभ
पार्टी के संरक्षक सुरेश चंद्र जुयाल ने बताया कि उत्तराखंड के लोगों को इस योजना का लाभ सही ढंग से नहीं मिल रहा है, जबकि उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों के लोग इसका फायदा उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 25-26 करोड़ राशन कार्ड बने हुए हैं, जबकि सिर्फ 5 करोड़ ही आयुष्मान कार्ड धारक हैं। वहीं उत्तराखंड में योजना की कोई सीमा ही नहीं है, और अन्य राज्यों के लोग यहां आकर राशन कार्ड व आयुष्मान कार्ड बनवा रहे हैं, जिसका सीधा असर उत्तराखंड के राजस्व पर भी पड़ रहा है।
जन सेवा केंद्रों में धांधली और अवैध वसूली
शिवप्रसाद सेमवाल ने यह भी खुलासा किया कि कुछ जन सेवा केंद्रों में केवल आधार कार्ड के आधार पर ही आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं, और इसके लिए 3000 रुपये तक की अवैध वसूली भी की जा रही है।
निजी अस्पतालों में मनमानी और भेदभाव
पार्टी के नेताओं ने निजी अस्पतालों पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि आयुष्मान कार्ड धारकों के साथ भेदभाव भी किया जा रहा है। अस्पताल मरीजों को भर्ती करने से पहले 25,000 से 50,000 रुपये तक की जांच करवाने के लिए मजबूर भी कर रहे हैं और तभी आयुष्मान कार्ड भी स्वीकार कर रहे हैं।
मैक्स, कैलाश, सिनर्जी और CMI में आयुष्मान योजना का अनुपालन नहीं
उन्होंने कहा कि सरकार बड़े अस्पतालों जैसे मैक्स, कैलाश, सिनर्जी और CMI में आयुष्मान योजना लागू करने में नाकाम भी रही है। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार इन अस्पतालों पर दबाव बनाने में विफल रही है।
अनुबंध प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता
शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि निजी अस्पतालों से किए गए अनुबंधों में सुधार की जरूरत भी है, क्योंकि यदि कोई गड़बड़ी पकड़ी जाती है, तो दोषी अस्पताल आसानी से बच निकलते हैं। इससे पुनरावृत्ति भी बढ़ रही है।
सरकार के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है
प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल ने कहा कि सरकार को इन विसंगतियों को जल्द से जल्द दूर करना चाहिए, नहीं तो जनता का आक्रोश सड़कों पर भी आ सकता है।
प्रेस वार्ता में शामिल नेता
इस अवसर पर राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के संरक्षक सुरेश चंद्र जुयाल, प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल, संगठन सह सचिव राजेंद्र गुसाईं, दयानंद मनोरी, कार्यालय प्रभारी सुभाष नौटियाल, मीना थपलियाल, शांति चौहान और रंजना नेगी सहित अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे।




