
देहरादून। उत्तराखंड में प्रधानमंत्री पोषण योजना (मिड-डे मील) और शक्ति निर्माण योजना में करोड़ों के घोटाले का खुलासा भी हुआ है। विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने इस मामले की जांच एसआईटी को सौंपने की मंजूरी भी दे दी है।
दो माह पहले मिली थी शिकायत
करीब दो माह पहले पीएम पोषण प्रकोष्ठ देहरादून में वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत भी सामने आई थी। विभागीय जांच में पाया गया कि उपनल के माध्यम से तैनात कार्मिक प्रत्यक्ष रूप से दोषी भी है, जबकि तत्कालीन अधिकारियों की लापरवाही उजागर हुई है।
3.18 करोड़ का गबन
शिक्षा विभाग के मुताबिक, जनपद देहरादून में पीएम पोषण प्रकोष्ठ से 3 करोड़ 18 लाख रुपए का गबन भी हुआ है। अपर निदेशक गढ़वाल मंडल की अध्यक्षता में हुई जांच रिपोर्ट में यह गबन प्रथम दृष्टया भी साबित हुआ।
आरोपी और अधिकारियों पर कार्रवाई
जांच रिपोर्ट में उपनल से नियुक्त एमआईएस समन्वयक नवीन सिंह रावत को प्रत्यक्ष दोषी भी पाया गया है। आरोप है कि उसने अपने तकनीकी ज्ञान का दुरुपयोग कर वर्ष 2023-24 से 2025-26 के बीच 3.18 करोड़ रुपए विभिन्न अज्ञात खातों में ट्रांसफर भी किए।
हालांकि अन्य कर्मचारियों की प्रत्यक्ष संलिप्तता सामने नहीं आई है, लेकिन आधा दर्जन जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक) और वित्त एवं लेखाधिकारी भी जांच के घेरे में ही हैं। इन सभी पर उत्तराखंड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) अधिनियम के तहत कार्रवाई भी होगी।
मंत्री का कड़ा रुख
डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि
सरकारी धन की हेराफेरी करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा ही नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि भविष्य में ऐसे प्रकरण रोकने के लिए वित्तीय व गोपनीय कार्य केवल जिम्मेदार और स्थायी कार्मिकों को ही सौंपे जाएं।