उत्तराखंड

चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या ने तोड़ा रिकॉर्ड, इस बार अक्टूबर में ही पार हुआ बीते साल का आंकड़ा

देहरादून | उत्तराखंड की चारधाम यात्रा एक बार फिर श्रद्धालुओं की आस्था और विश्वास का प्रतीक बन गई है। इस बार यात्रा ने श्रद्धालुओं की संख्या के मामले में नया रिकॉर्ड कायम किया है। 12 अक्टूबर 2025 तक ही यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं की संख्या ने पिछले वर्ष का आंकड़ा पार कर लिया है, जबकि यात्रा अभी जारी है और 25 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद ही इसका समापन होगा।

पिछले साल का रिकॉर्ड टूटा, अब तक 48.30 लाख श्रद्धालु पहुंचे

उत्तराखंड पर्यटन विभाग और चारधाम यात्रा प्रबंधन एवं नियंत्रण संगठन की रिपोर्ट के अनुसार,
30 अप्रैल से 12 अक्टूबर 2025 तक चारधाम और हेमकुंड साहिब में कुल 48,30,393 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं।
जबकि पूरे 2024 यात्रा सीजन में यह संख्या 48,04,216 रही थी।

हालांकि, वर्ष 2023 में चारधाम यात्रा में कुल 56 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे थे,
लेकिन इस साल प्राकृतिक आपदाओं और खराब मौसम की चुनौतियों के बावजूद
श्रद्धालुओं की इतनी बड़ी संख्या का पहुंचना प्रशासन की तैयारी और श्रद्धालुओं की आस्था का परिचायक है।

धामवार आंकड़े: किस धाम में कितने श्रद्धालु पहुंचे?

धाम 2024 2025 (12 अक्तूबर तक)
केदारनाथ 16,51,980 16,90,298
बदरीनाथ 14,35,401 14,84,441
गंगोत्री 8,18,273 7,43,733
यमुनोत्री 7,14,779 6,37,480
हेमकुंड साहिब 1,83,592 2,74,441

विशेष बात यह है कि इस बार हेमकुंड साहिब में भी दर्शनार्थियों की संख्या में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है —
जहां 2024 में 1.83 लाख श्रद्धालु पहुंचे थे, वहीं इस बार 2.74 लाख से अधिक लोग पहुंच चुके हैं।

इस साल यात्रा को लेकर कई प्राकृतिक आपदाएं और मौसम से जुड़ी चुनौतियां सामने आईं।
विशेष रूप से उत्तरकाशी जिले के धराली और हर्षिल क्षेत्र में आई भयानक आपदा के चलते
गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा कई दिनों तक पूरी तरह बाधित रही।

इसके अलावा, गंगोत्री नेशनल हाईवे भी क्षतिग्रस्त हुआ,
जिसके कारण यातायात और दर्शन व्यवस्था प्रभावित रही।
हालांकि, राज्य सरकार और प्रशासन ने तेजी से राहत व मरम्मत कार्य कर
दर्शनों को फिर से सुचारू रूप से शुरू करवाया।

राज्य सरकार का कहना है कि प्राकृतिक चुनौतियों के बावजूद
चारधाम यात्रा में रिकॉर्ड श्रद्धालुओं का पहुंचना प्रभावी प्रबंधन और बेहतर व्यवस्थाओं का परिणाम है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि—

“श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुलभ यात्रा सरकार की प्राथमिकता है।
चारधाम यात्रा के प्रबंधन, सड़क, स्वास्थ्य, और ट्रैफिक कंट्रोल जैसी व्यवस्थाओं को
लगातार और बेहतर बनाया जा रहा है। आने वाले समय में श्रद्धालुओं की संख्या और भी बढ़ेगी।”

पर्यटन मंत्री ने भी भरोसा जताया कि भविष्य में डिजिटल रजिस्ट्रेशन, स्मार्ट ट्रैफिक कंट्रोल, और पर्यावरणीय संतुलन के साथ यात्रा को और भी सहज बनाया जाएगा। चारधाम यात्रा के इस वर्ष के आंकड़े साफ संकेत दे रहे हैं कि उत्तराखंड न सिर्फ आध्यात्मिक पर्यटन का केंद्र बना हुआ है, बल्कि यह राज्य अब प्रबंधन की दृष्टि से भी नई मिसाल पेश कर रहा है। जहां एक ओर आस्था की गहराई है, वहीं दूसरी ओर सरकार की व्यावहारिक योजनाएं और त्वरित निर्णय भी नजर आते हैं। जैसे-जैसे कपाट बंद होने की तारीख नजदीक आ रही है, आने वाले दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ने की संभावना है।

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