UCC in Uttarakhand : जहां नहीं है इंटरनेट, वहां जनसेवा केंद्र के एजेंट घर-घर तक पहुंचाएंगे यूसीसी
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उत्तराखंड के दुर्गम क्षेत्रों तक भी समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को पहुंचाने के लिए सरकार ने अब विशेष योजना बनाई है। जहां इंटरनेट की सुविधा नहीं है, वहां जनसेवा केंद्रों के एजेंट घर-घर तक पहुंचकर पंजीकरण आदि का काम भी कराएंगे। ई-मेल, एसएमएस के माध्यम से आवेदन को ट्रैक भी कर सकेंगे। नागरिकों को शिकायत का विकल्प भी मिलेगा।
यूसीसी को यूजर फ्रेंडली बनाया गया है
जिससे घर बैठे मोबाइल के माध्यम से भी अपना पंजीकरण भी करा सकेंगे। नागरिकों के लिए पंजीकरण की सुविधा को सरल बनाने के लिए 10,000 कॉमन सर्विस सेंटर यूजर को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य भी रखा गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में पंजीकरण से संबंधित कार्यों के लिए ग्राम पंचायत विकास अधिकारी को सब रजिस्ट्रार के रूप में नियुक्त भी किया गया है। जिससे स्थानीय स्तर पर ही ग्रामीण नागरिकों को पंजीकरण की सुविधा भी उपलब्ध हो सके।
यूसीसी में पंजीकरण की सुविधा को सरल और सुचारू बनाने के लिए आधार से पंजीकरण का विकल्प दिया गया है। नियमावली के तहत ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से नागरिकों की शिकायतों के पंजीकरण की व्यवस्था की गई है।
आज से होगी राज्यस्तरीय मॉक ड्रिल
नियमावली के प्रावधानों को लागू करने के लिए व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम को संचालित भी किया जा रहा है। 9 जनवरी से ब्लॉक स्तर पर 2000 अधिकारियों के प्रशिक्षण की शुरुआत भी की गई थी जो अब पूरा हो गया है। आज मंगलवार को राज्यस्तरीय मॉक ड्रिल भी होगी। इसके अलावा 24 जनवरी तक 10,000 वीईएल (सीएससी यूजर) को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य भी रखा गया है। नोडल अधिकारियों की जिलावार नियुक्ति की गई है और तकनीकी सहायता के लिए हेल्पलाइन स्थापित की गई है। कानूनी प्रश्नों के लिए जिला स्तरीय अभियोजन विभाग के अधिकारी नियुक्त भी किए गए हैं।
2 फरवरी को आई थी रिपोर्ट
यूसीसी लागू करने के लिए 27 मई 2022 को विशेषज्ञ समिति का गठन भी किया गया था, जिसने अपनी रिपोर्ट 2 फरवरी 2024 को प्रस्तुत की। इसके बाद यह विधेयक विधानसभा से पिछले वर्ष 8 मार्च को पारित किया गया। 12 मार्च को इस अधिनियम पर राष्ट्रपति का अनुमोदन भी प्राप्त हुआ।




