UKSSSC पेपर लीक मामला: हरिद्वार में दारोगा समेत दो पुलिसकर्मी निलंबित, लापरवाही पर सख्त कार्रवाई
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21 सितंबर को आयोजित हुई UKSSSC परीक्षा में पेपर लीक के मामले में जहां मुख्य आरोपी पकड़े जा चुके हैं, वहीं अब जवाबदेही तय करने की प्रक्रिया भी तेज़ हो गई है। पुलिस और प्रशासनिक तंत्र में जिन अधिकारियों की लापरवाही से यह गंभीर चूक हुई, उन पर निलंबन और जांच की कार्रवाई शुरू हो गई है।
हरिद्वार में दो पुलिसकर्मी निलंबित
हरिद्वार के आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज, बहादरपुर जट परीक्षा केंद्र पर तैनात सब इंस्पेक्टर रोहित कुमार और कांस्टेबल ब्रह्मदत्त जोशी को निलंबित कर दिया गया है। हरिद्वार के एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने इन दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए सस्पेंशन के आदेश जारी किए।
दोनों पर आरोप है कि परीक्षा केंद्र में ड्यूटी के दौरान उन्होंने संवेदनशीलता और सतर्कता नहीं बरती, जिसके चलते मुख्य आरोपी खालिद को प्रश्नपत्र केंद्र से बाहर ले जाने का मौका मिल गया।
सीओ रुड़की को सौंपी गई जांच, एक सप्ताह में रिपोर्ट तलब
एसएसपी डोबाल ने इस गंभीर लापरवाही की जांच के लिए सीओ रुड़की नरेंद्र पंत को नियुक्त किया है और निर्देश दिए हैं कि एक सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत की जाए।
घटनाक्रम: कैसे हुआ पेपर लीक?
21 सितंबर को पूरे उत्तराखंड में यूकेएसएसएससी की परीक्षा आयोजित की गई थी। हरिद्वार के बहादरपुर जट स्थित परीक्षा केंद्र पर 18 कमरे थे, जिनमें से कमरा नंबर 9, 17 और 18 में जैमर नहीं लगे हुए थे। मुख्य आरोपी खालिद, जो परीक्षार्थी था, परीक्षा शुरू होने के करीब आधे घंटे बाद इंविजिलेटर से अनुमति लेकर वॉशरूम गया। खालिद प्रश्नपत्र अपने साथ वॉशरूम ले गया और वहां से प्रश्न पत्र के तीन पन्नों के फोटो क्लिक करके अपनी बहन साबिया को भेजे। साबिया ने ये फोटो असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को भेजे, जिन्होंने इन प्रश्नों के उत्तर दिए। सुमन ने इस जानकारी को पुलिस को न देकर उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के अध्यक्ष बॉबी पंवार को दी, जिन्होंने इसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
अब तक कौन-कौन पकड़ा गया और कौन निलंबित हुआ?
गिरफ्तार:
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खालिद (मुख्य आरोपी, परीक्षार्थी)
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साबिया (खालिद की बहन, पेपर शेयर करने की दोषी)
निलंबित:
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असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन – प्रश्न हल कर भेजने का आरोप
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प्रोजेक्ट डायरेक्टर केएन तिवारी – परीक्षा की निगरानी में लापरवाही
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सब इंस्पेक्टर रोहित कुमार और कांस्टेबल ब्रह्मदत्त जोशी – सेंटर की सुरक्षा में चूक
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सेक्टर मजिस्ट्रेट – केंद्र पर निगरानी में विफलता
जैमर टीम की भूमिका भी संदिग्ध
इस पूरे मामले में जैमर टीम की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं। तीन कमरों में जैमर न लगना सिर्फ तकनीकी चूक नहीं, बल्कि संभावित मिलीभगत या घोर लापरवाही के संकेत दे रहा है। इस पहलू की भी जांच की जा रही है।
प्रश्न उठता है: सिस्टम की विफलता या संगठित साजिश?
इस घटनाक्रम ने एक बार फिर उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। परीक्षा में शामिल लाखों युवाओं का भविष्य अधर में लटक गया है और सिस्टम की विश्वसनीयता पर गंभीर आघात पहुंचा है। पुलिस की जांच जारी है, खालिद का मोबाइल अब तक बरामद नहीं हुआ है, जो कई और कड़ियों को जोड़ सकता है। जैमर सप्लाई और निगरानी टीम, इंविजिलेटर की भूमिका, और तकनीकी कंपनी की ज़िम्मेदारी की भी जांच चल रही है। सरकार ने संकेत दिए हैं कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नकल विरोधी कानून को और कठोर बनाया जा सकता है। UKSSSC पेपर लीक मामला सिर्फ एक परीक्षा का मुद्दा नहीं है, यह प्रदेश के युवाओं के भविष्य और प्रशासनिक ईमानदारी की परीक्षा बन गया है। हरिद्वार से शुरू हुई कार्रवाई से संकेत मिलता है कि सरकार और प्रशासन अब लापरवाही बरतने वालों को बख्शने के मूड में नहीं हैं। आने वाले दिनों में और बड़ी कार्रवाई की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।




