उत्तराखंड: चार पर्वतीय जिलों में भूकंप से भूस्खलन का बड़ा खतरा, रुद्रप्रयाग सबसे संवेदनशील

देहरादून। उत्तराखंड के 4 पर्वतीय जिलों में भूकंप से भूस्खलन का गंभीर खतरा भी पाया गया है। इनमें रुद्रप्रयाग जिला सबसे अधिक संवेदनशील भी माना गया है। यह जानकारी आईआईटी रुड़की के आपदा प्रबंधन व मानवीय सहायता उत्कृष्टता केंद्र द्वारा जारी की गई शोध रिपोर्ट में सामने आई है, जिसे 2 अगस्त 2025 को अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित भी किया गया।
शोध और विशेषज्ञों की चेतावनी
शोधकर्ताओं अक्षत वशिष्ठ, शिवानी जोशी व श्रीकृष्ण सिवा सुब्रमण्यम ने बताया कि हिमालयी क्षेत्र भूकंपीय गतिविधियों के लिहाज से अत्यंत संवेदनशील है और यहां नियमित रूप से भूस्खलन की घटनाएं भी होती रहती हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि भूकंप से प्रेरित भूस्खलन भविष्य में उत्तराखंड के लिए और बड़े खतरे का कारण भी बन सकते हैं।
जिला-स्तरीय जोखिम जोनिंग
अध्ययन में पहली बार उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों में भूकंप से होने वाले भूस्खलनों का जिला-स्तरीय जोनिंग भी किया गया। इसमें विभिन्न भूकंपीय तीव्रता परिदृश्यों व भूकंप की वापसी अवधि के आधार पर जोखिम का विश्लेषण भी किया गया।
रिपोर्ट के अनुसार:
- रुद्रप्रयाग जिला सभी परिदृश्यों में सबसे ज्यादा संवेदनशील भी है।
- इसके बाद पिथौरागढ़, चमोली व उत्तरकाशी जिलों में भारी भूस्खलन की आशंका भी जताई गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इन क्षेत्रों में भूकंप व भूस्खलन के खतरे को ध्यान में रखते हुए आपदा प्रबंधन की रणनीति भी तैयार करना और समय रहते तैयारी करना आवश्यक भी है।