उत्तराखंड को मिलेगा देश का पांचवां साइंस सिटी, सीमांत क्षेत्रों के लिए विकास परिषद का ऐलान — सीएम धामी का बड़ा एलान
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रुद्रप्रयाग : उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों के विकास और विज्ञान में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दो बड़े एलान किए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में जल्द ही “सीमांत क्षेत्र विकास परिषद” का गठन किया जाएगा, साथ ही देहरादून में देश का पांचवां विज्ञान शहर (Science City) भी स्थापित किया जाएगा।
यह घोषणाएं मुख्यमंत्री धामी ने रुद्रप्रयाग के गुप्तकाशी में आयोजित “चौथे सीमांत पर्वतीय बाल विज्ञान महोत्सव” के उद्घाटन अवसर पर कीं। यह आयोजन पीएमश्री जवाहर नवोदय विद्यालय बणसू जाखधार (गुप्तकाशी) में हुआ। सीएम धामी ने कहा कि सीमांत क्षेत्र विकास परिषद सीमावर्ती जिलों में बुनियादी सुविधाओं, आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की दिशा में काम करेगी। उन्होंने बताया कि परिषद के गठन के लिए यूकॉस्ट (UCOST) के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने यह भी बताया कि देहरादून में भारत का पांचवां विज्ञान शहर (Science City) बनने जा रहा है, जो राज्य के युवाओं और बाल वैज्ञानिकों के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी। यह साइंस सिटी शिक्षा, अनुसंधान और विज्ञान के क्षेत्र में उत्तराखंड को एक नई पहचान देगी। महोत्सव में मुख्यमंत्री ने विभिन्न जिलों से आए बाल वैज्ञानिकों से सीधा संवाद किया और उनकी वैज्ञानिक सोच, नवाचार और शोध परियोजनाओं को सराहा। उन्होंने जलवायु परिवर्तन, जल संरक्षण, ऊर्जा संरक्षण, आपदा प्रबंधन और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी जैसे विषयों पर बच्चों के साथ गंभीर चर्चा की और उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने यूकॉस्ट की रुद्रप्रयाग डैशबोर्ड पुस्तक का विमोचन भी किया। यह एक GIS आधारित रिमोट सिस्टम डैशबोर्ड है, जिसमें विभिन्न विभागों की योजनाओं से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराई गई हैं।
सीएम धामी ने कहा:
“सीमांत जिलों के प्रतिभाशाली बाल वैज्ञानिकों को यह मंच एक नई दिशा देगा। विज्ञान, नवाचार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्तराखंड आने वाले वर्षों में देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में भूमिका निभाएगा।”
मुख्यमंत्री धामी के ये एलान न केवल उत्तराखंड के सीमांत इलाकों में विकास की रफ्तार बढ़ाएंगे, बल्कि राज्य को विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में भी नई पहचान देंगे।




