उत्तराखंड में भारी बारिश के बीच आपदा से निपटने की तैयारी, हरिद्वार में मॉक ड्रिल कर जांची गई त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता

उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश को देखते हुए राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन को भी सतर्क कर दिया है। देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर, चंपावत व नैनीताल जैसे मैदानी जिलों में बाढ़ और जलभराव की आशंकाओं को देखते हुए मॉक ड्रिल्स भी आयोजित की जा रही हैं।
हरिद्वार के श्यामपुर गंगा घाट पर आपात स्थिति का अभ्यास
इसी क्रम में हरिद्वार के श्यामपुर गंगा घाट पर मॉक ड्रिल का आयोजन भी हुआ। एक काल्पनिक आपदा की स्थिति भी तैयार की गई, जिसमें एक युवक को गंगा की तेज़ धारा में बहता हुआ भी दिखाया गया। इस पर आपदा प्रबंधन, जल पुलिस व मेडिकल टीमों ने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया व युवक को सुरक्षित बाहर निकालकर मौके पर ही प्राथमिक उपचार भी दिया।
भीमगोडा बैराज से सीमित पानी छोड़ने का फैसला
बारिश के कारण गंगा में सिल्ट की मात्रा काफी बढ़ भी गई है। इसे देखते हुए यूपी सिंचाई विभाग ने भीमगोडा बैराज से छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा को नियंत्रित भी कर दिया है। हर की पैड़ी व अन्य घाटों पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उतना ही जल छोड़ा जा रहा है, जिससे वे स्नान व आचमन कर सकें।
खतरे के निशान पर गंगा का जलस्तर, 179 सड़कें बंद
गंगा का जलस्तर बढ़कर 293 मीटर तक भी पहुंच गया है, जो खतरे के निशान के बराबर भी है। वहीं प्रदेशभर में भारी बारिश के कारण कई जगहों पर भूस्खलन भी हुआ है, जिससे अब तक 179 सड़क मार्ग बंद भी हो चुके हैं।
सावधानी जरूरी, लेकिन लापरवाही जारी
कुछ लोग अब भी खतरा मोल लेते हुए गंगा नदी के बीचोंबीच रील बनाने में भी लगे हैं, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका भी बनी हुई है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे गंगा घाटों पर सावधानी बरतें व प्रशासन के निर्देशों का पालन भी करें।