उत्तराखंड

पिथौरागढ़: जिले में पहली बार काकू (पर्सिमोन) फल की खेती को मिलेगा बढ़ावा, 100 किसान होंगे लाभान्वित

पिथौरागढ़ जिले में अब किसानों को पारंपरिक फसलों के साथ-साथ जापानी फल काकू (पर्सिमोन) की खेती के लिए प्रेरित भी किया जाएगा। उद्यान विभाग द्वारा जिले में पहली बार इस मिठास से भरपूर व पोषण युक्त फल की बागवानी को बढ़ावा देने की योजना भी तैयार की गई है।

सीमांत क्षेत्र विकास योजना के तहत होगा उत्पादन

जिले के मूनाकोट ब्लॉक के गंगसेरी, सीरड़, बिसाबजेड़ व भौड़ी गांवों में काकू फल के पौधे लगाए जाएंगे। मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना के तहत ₹5.80 लाख की लागत से 2 हेक्टेयर क्षेत्र में पर्सिमोन उत्पादन का प्रस्ताव भी तैयार किया गया है। इससे लगभग 100 काश्तकारों को प्रत्यक्ष लाभ मिलने की उम्मीद भी है।

मोस्टामानू में सफल मॉडल बना है काकू बाग

जिले के मोस्टामानू स्थित हैदर गार्डन में पहले से किसान इकबाल बख्श ने रामगढ़ से लाकर 150 काकू के पौधे भी लगाए हैं। उनके बगीचे में अब भरपूर उत्पादन भी हो रहा है और फल स्थानीय बाजार में ही बिक जाता है। इकबाल बख्श को उनके इस नवाचार के लिए ‘गतिशील काश्तकार’ और ‘किसान श्री सम्मान’ से नवाजा भी जा चुका है।

फल में हैं औषधीय गुण, बाजार में जबरदस्त मांग

मुख्य उद्यान अधिकारी अभिनव कुमार के अनुसार,

काकू फल न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि हृदय व नेत्र स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। इसमें विटामिन A, C, फाइबर व अन्य पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। यही कारण है कि बाजार में इसकी अच्छी खासी मांग भी बनी रहती है।

ट्रायल के बाद बढ़ेगा विस्तार

विभाग के अनुसार, फिलहाल ट्रायल के रूप में कुछ गांवों में इसकी खेती भी शुरू की जा रही है। यदि उत्पादन सफल रहा तो अन्य क्षेत्रों में भी किसानों को इस फसल के लिए प्रोत्साहित भी किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य सीमांत क्षेत्रों में किसानों की आय को बढ़ाना और कृषि में विविधता लाना भी है।

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