महाकुंभ में उत्तराखंड पवेलियन: देवभूमि की संस्कृति और दिव्य मंदिरों के दर्शन का अद्भुत अनुभव
प्रयागराज में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर आयोजित महाकुंभ में उत्तराखंड पवेलियन में तीर्थयात्री देवभूमि और राज्य की समृद्ध संस्कृति से परिचित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में महाकुंभ में एक भव्य मंडपम पवेलियन स्थापित किया गया है, जिसमें प्रतिदिन 10 से 15 हजार तीर्थयात्री आकर भ्रमण कर रहे हैं।
उत्तराखंड पवेलियन में राज्य के तीर्थयात्रियों के लिए आवास और भोजन की व्यवस्था की गई है, साथ ही एक उत्कृष्ट टेंट सिटी भी बनाई गई है। पवेलियन में उत्तराखंड के दिव्य मंदिरों के दर्शन और फोटोग्राफी का अवसर प्रदान किया जा रहा है, वहीं पारंपरिक उत्पादों के स्टॉल्स और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री का मानना है कि यह अनुभव 2026 में हरिद्वार में होने वाले कुंभ मेले की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने में सहायक सिद्ध होगा।
महानिदेशक उद्योग प्रतीक जैन ने बताया कि पवेलियन के प्रवेश द्वार के रूप में केदारनाथ द्वार और निकास द्वार के रूप में बदरीनाथ द्वार का निर्माण किया गया है। इसके अतिरिक्त, पवेलियन में चारधाम के अलावा जागेश्वर धाम, गोल्ज्यू देवता और नीम करोली बाबा की प्रतिकृतियों का भी प्रदर्शन किया गया है।