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देहरादून में कूड़ा प्रबंधन में विफलता, नगर निगम के चेतावनी बोर्ड बावजूद भी कूड़ा डालने का सिलसिला जारी

खुले में कूड़ा डालने वाले ठिकानों को खत्म करने के लिए नगर निगम ने कैमरा लगवाया है। वहां चेतावनी बोर्ड पर साफ-साफ लिखा कि आप सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में हैं। यहां कूड़ा डालने पर कार्रवाई की जाएगी। लेकिन, कूड़ा डालने वालों पर ना चेतावनी का कोई असर हुआ और ना ही कैमरे की निगरानी का। आज भी प्वाइंटों पर पड़ा कूड़ा तंत्र की विफलता और जन की बेपरवाही को तस्दीक कर रहा है। चाहे वो कारगी चौक के पास वाला जीवीपी हो या फिर दून पॉम सिटी के पास का जीवीपी।

पहले चरण में देहरादून को नगर निगम ने डस्टबिन फ्री शहर तो बना दिया, लेकिन दूसरा चरण अधूरा है। इस चरण के तहत जीवीपी यानि गारबेज वल्नरेबल प्वाइंटों को खत्म करना था। आठ महीने बीतने को है, लेकिन आज भी जीवीपी प्वाइंट पर लोग कूड़े लोग डाल रहे हैं। जीवीपी प्वाइंट को खत्म करने के लिए कारगी-बंजारावला रोड पर नगर निगम ने दो दिन पूर्व सीसीटीवी लगवाया है। इसके अलावा वहां पर एक बोर्ड लगवाकर चेतावनी दी है।

लेकिन, स्थिति में सुधार नहीं है। इसके अलावा दून पॉम सिटी का भी यही हाल है। यहां स्थित जीवीपी को खत्म करने के लिए निगम ने पूरा जोर लगाया, लेकिन हालात ऐसे बन गए कि निगम की टीम के साथ युवकों ने जबरदस्त मारपीट कर दी।

नगर निगम की टीम नेशविला जीवीपी प्वाइंट को पहले ही साफ कर चुकी है। अब इंजन चौक के जीवीपी प्वाइंट को खत्म करने की ठानी है। निगम की आईईसी टीम बेसिक्स ने वहां पर अभियान चलाया। बीते गुरूवार को टीम ने वहां पर कूड़े की सफाई कराते हुए चूना डलवाकर वहां सुंदर रंगोली बनाकर स्वच्छता का संदेश दिया।

देहरादून में तीन कूड़ा कंपनियां घर-घर जाकर कूड़े का उठान कराती हैं। उनकी जिम्मेदारी है कि रोजाना हर घर के दरवाजे पर कूड़ा उठाने वाली गाड़ी पहुंचे। पर यहां ऐसा नहीं हो रहा है। यही कारण है कि ज्यादातर लोग मजबूरन जीवीपी पर कूड़ा डालते हैं।

जीवीपी प्वाइंटों को खत्म कराने का काम कराया जा रहा है। इसके अलावा डोर-टू-डोर कूड़े का उठान हो इसकी जिम्मेदारी हर कंपनी की है। इसको सुनिश्चत कराया जा रहा है।

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