अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 व उत्तराखंड राज्य की रजत जयंती के अवसर पर दीपनगर स्थित संस्कृति विभाग ऑडिटोरियम में भव्य सहकारिता सम्मेलन आयोजित भी किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, निबंधक सहकारिता डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट व राष्ट्रीय सहकारी प्रशिक्षण परिषद (NCTC) की सचिव डॉ. मीनू शुक्ला पाठक ने दीप प्रज्वलित कर भी किया।
मुख्य अतिथि डॉ. रावत ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार ने सहकारिता क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम भी उठाए हैं। उन्होंने घोषणा की कि अब कक्षा 6 से सहकारिता आंदोलन का पाठ स्कूलों में अनिवार्य रूप से भी पढ़ाया जाएगा। इसके लिए एक समिति गठित कर प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा ताकि इसे केंद्रीय विद्यालयों में भी शामिल भी किया जा सके।
महिलाओं के लिए भी बड़ी घोषणा करते हुए मंत्री ने कहा कि भारत दर्शन यात्रा के लिए महिला समूहों को 3 लाख रुपये तक का ऋण व वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। साथ ही महिलाओं को ₹21,000 से ₹1,10,000 तक का बिना गारंटी ऋण भी दिया जाएगा ताकि वे रोजगार व स्वरोजगार से जुड़ सकें।
इसके अलावा छोटे व्यवसायियों के लिए राज्य सहकारी बैंक के माध्यम से सिर्फ 5% ब्याज पर अल्पकालिक ऋण उपलब्ध भी कराया जाएगा।
मंत्री ने बताया कि माधो सिंह भंडारी सामूहिक सहकारी खेती को राज्य में सफलता का मॉडल भी बनाया गया है और विभिन्न जिलों में आयोजित सहकारिता मेलों में 70,000 से अधिक ग्रामीणों की भागीदारी भी रही।
कार्यक्रम में वरिष्ठ सहकार बंधुओं को “सहकारिता सम्मान” से सम्मानित भी किया गया।
सम्मेलन में डॉ. मीनू शुक्ला पाठक ने कहा कि “सहकारिता आंदोलन असली जनभागीदारी का प्रतीक भी है।”




