उत्तराखंड

देहरादून की नदियों में अब एंगलिंग का रोमांच, पर्यटन को मिलेगा नया आयाम – पांच समितियों को मिली जिम्मेदारी

देहरादून। राजधानी दून की खूबसूरत घाटियों में घूमने आने वाले पर्यटकों को अब एक और नया रोमांचक अनुभव भी मिलने जा रहा है। पर्यटक अब यहां की प्राकृतिक नदियों में एंगलिंग (मछली पकड़ना) का आनंद उठा सकेंगे। शुरुआत में 5 सहकारी समितियों को एंगलिंग गतिविधियों के संचालन की अनुमति भी दी गई है।

यमुना, टोंस व अमलावा में एंगलिंग की शुरुआत

जिला मत्स्य विभाग ने बताया कि देहरादून की 3 प्रमुख नदियों – यमुना, टोंस व अमलावा – में एंगलिंग को बढ़ावा भी दिया जा रहा है।
पहले चरण में 5 सहकारी समितियों को लाइसेंस भी जारी किए गए हैं, जिनकी निगरानी में पर्यटक तय जगहों पर मछली भी पकड़ सकेंगे।

पर्यटकों को आकर्षित कर रही है ‘महाशीर मछली’

महाशीर मछली की लोकप्रियता के चलते देसी ही नहीं, विदेशी पर्यटक भी एंगलिंग का लुत्फ उठाना भी चाहते हैं।
यह गतिविधि पूरी तरह से स्पोर्ट्स फिशिंग के दायरे में ही रहेगी, यानी मछली पकड़ने के बाद उसे दोबारा से नदी में ही छोड़ दिया जाएगा।

  • भारतीय पर्यटकों के लिए शुल्क: ₹75 प्रति दिन
  • विदेशी पर्यटकों के लिए शुल्क: ₹150 प्रति दिन
    (शुल्क संबंधित समिति कार्यालयों में जमा करना होगा)

स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार

इस नई पहल से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे:

  • मछली पकड़ने के उपकरणों की बिक्री
  • पर्यटकों के लिए गाइड व प्रशिक्षक की भूमिका
  • होटल, होमस्टे, खानपान व परिवहन जैसी सेवाओं में बढ़ोतरी

एंगलिंग से अवैध मछली शिकार पर भी लगाम लगेगी, साथ ही विलुप्त हो रही प्रजातियों के संरक्षण में भी मदद मिलेगी।

कहां-कहां कर सकेंगे एंगलिंग?

नदी बीट का दायरा समिति का नाम
टोंस अणु गांव से फेडीज पुल तक देवी माता समिति, चकराता
यमुना चामी पुल से क्यारापुल (डामटा) तक जय शैल कुडिया समिति, नाडा
यमुना क्यारापुल से डबरेडखड तक बत्तसर समिति, भुनोऊ
अमलावा गाडाछानी से सेवनाछानी तक जौनसारी महिला समिति, कालसी
अमलावा सेवनाछानी से व्यासनहरी (यमुना पुल तक) एसएससी ग्रामीण समिति, सहिया

आगे क्या योजना है?

जिला प्रभारी मत्स्य विभाग विनोद यादव के अनुसार, यदि यह पहल सफल रहती है तो अन्य सहकारी समितियों को भी एंगलिंग के लाइसेंस भी दिए जाएंगे। भविष्य में एंगलिंग प्रतियोगिताएं आयोजित करने की भी योजना है, ताकि राज्य का पर्यटन व रोजगार एक साथ आगे बढ़ सके।

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