ऋषिकेश में कारोबारी से डकैती की योजना में शामिल आरोपियों ने एक सुनियोजित षड्यंत्र रचकर 20,000 डॉलर के रूप में फर्जी गड्डियां भी बनाई। सिपाही अब्दुल रहमान व मास्टरमाइंड हसीन उर्फ अन्ना के नेतृत्व में यह पूरा गोरखधंधा चला। आरोपियों ने असली 400 डॉलर के नोटों को जोड़कर और बीच में कागज रखकर फर्जी 20,000 डॉलर की गड्डियां तैयार की, जिनकी फोटो लेकर कारोबारी से सौदा भी तय कर लिया।
यह पूरा मामला रुड़की के जलालपुर गांव के रहने वाले हसीन उर्फ अन्ना का था, जिसके साथ आईआरबी का सिपाही अब्दुल रहमान भी शामिल था। अब्दुल ने अपने साथी सिपाहियों, सालम और इकरार को भी इसमें शामिल भी किया। इन आरोपियों ने 31 जनवरी को कारोबारी यशपाल असवाल से 7 लाख रुपये लेकर, रुपयों से भरे बैग को लूट लिया।
सुरक्षा में शामिल सिपाही इकरार और सालम ने योजना में अहम भूमिका भी निभाई। सिपाही इकरार पहले से संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त था और उसके खिलाफ कई शिकायतें भी आई थीं, जिसमें एक विभागीय जांच भी हुई थी।
लूट की योजना पूरी करने के बाद, आरोपियों ने एक और बड़े कांड को अंजाम देने की योजना बनाई थी, जिसमें वह एक कारोबारी से एक करोड़ रुपये लूटने का भी सोच रहे थे। हालांकि, उनके पकड़े जाने के बाद यह योजना तो विफल हो गई।
यशपाल असवाल से लूटे गए पैसों में से ढाई लाख रुपये वापस किए गए थे, ताकि वह किसी को घटना की सूचना न दे। हालांकि, बाद में यशपाल ने पुलिस को सूचना भी दी।
विजिलेंस को पहले से इस घटना की भनक लगी थी, लेकिन पुलिस ने पहले ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने इस पूरे मामले में अब्दुल रहमान, हसीन उर्फ अन्ना, सालम, और इकरार समेत 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, और उनकी आपराधिक पृष्ठभूमि की जांच जारी है।