उत्तराखंड

लालकुआं में हाथियों का विचित्र व्यवहार: देवी मंदिर की परिक्रमा करते नजर आए गजराज

उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में वन्यजीवों और इंसानी बस्तियों के बीच टकराव की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।
लालकुआं में देर रात हाथियों का एक झुंड रिहायशी इलाके तक पहुंच गया और अंबेडकर नगर स्थित देवी मंदिर की परिक्रमा करता दिखाई दिया।
यह दृश्य जहां एक ओर अद्भुत और श्रद्धाभाव से भरा दिखा, वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोगों में डर और दहशत का माहौल भी देखने को मिला।

 मंदिर में परिक्रमा, नतमस्तक हुआ गजराज

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बुधवार देर रात टांडा रेंज के जंगलों से हाथियों का झुंड निकलकर अंबेडकर नगर वार्ड नंबर 1 पहुंचा।
हाथियों ने वहां स्थित देवी मंदिर की परिक्रमा की।
स्थानीय लोगों का दावा है कि एक हाथी देवी मंदिर के आगे सिर झुकाकर नमन करता दिखाई दिया

इस दृश्य को एक युवक ने अपने मोबाइल कैमरे में कैद कर लिया, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

 खेतों और फलों की तलाश में रिहायशी क्षेत्र में पहुंचे हाथी

तराई केंद्रीय वन प्रभाग के टांडा रेंज में हाथियों की बड़ी आबादी है।
सर्दी के मौसम में जब खेतों में गन्ना और धान की फसल तैयार होती है, तब हाथियों के झुंड भोजन की तलाश में ग्रामीण और शहरी सीमा तक आ जाते हैं।

 लोगों में डर का माहौल, वन विभाग से गश्त बढ़ाने की मांग

हाथियों के इस तरह बस्तियों में पहुंचने से स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है।
लोगों ने वन विभाग से मांग की है कि वह जंगल से सटे इलाकों में गश्त बढ़ाए, ताकि जान-माल का नुकसान रोका जा सके।

 वन विभाग का बयान:

“हाथियों के झुंड के आबादी वाले क्षेत्र में आने की सूचना मिली थी। कुछ देर बाद वे वापस जंगल की ओर लौट गए। वन कर्मियों को गश्त बढ़ाने के निर्देश दे दिए गए हैं। बताया गया कि हाथियों ने मंदिर परिसर के पास लगे केले और पीपल के पेड़ों को नुकसान पहुंचाया, लेकिन किसी इंसान को कोई हानि नहीं हुई।”
— वन विभाग अधिकारी, तराई केंद्रीय वन प्रभाग

वन अधिकारियों के अनुसार, झुंड में करीब एक दर्जन हाथी थे। माना जा रहा है कि भटक कर या भोजन की तलाश में ये गजराज शहरी सीमा में आ पहुंचे।

इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि मानव और वन्यजीवों के बीच की दूरी लगातार घट रही है
जहां यह दृश्य आस्था और अचरज से भरपूर रहा, वहीं मानव जीवन और संपत्ति की सुरक्षा के लिए सजगता और समन्वय की भी आवश्यकता है।

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