1 जून से सैलानियों के लिए खुलेगी विश्व धरोहर ‘फूलों की घाटी’, पथ मार्ग तैयार, ऑनलाइन पंजीकरण शुरू
गोपेश्वर (चमोली): उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी आगामी 1 जून से पर्यटकों के लिए खोल भी दी जाएगी। घांघरिया से घाटी तक का पैदल मार्ग भी सुचारू हो गया है और अब तक 46 पर्यटक ऑनलाइन पंजीकरण भी करा चुके हैं। यह घाटी हर वर्ष 31 अक्टूबर तक पर्यटकों के लिए खुली रहती है।
फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान की वन क्षेत्राधिकारी चेतना कांडपाल ने बताया कि घाटी में रात्रि विश्राम की अनुमति भी नहीं है और वहां खाद्य सामग्री की दुकानें भी उपलब्ध नहीं हैं। पर्यटकों को अपने खाने का सामान खुद ले जाना होगा और उसी के साथ उत्पन्न कचरा भी वापस लेकर आना अनिवार्य होगा।
प्रशासन ने घांघरिया से फूलों की घाटी तक करीब 3 किलोमीटर लंबा पैदल मार्ग पूरी तरह दुरुस्त भी कर दिया है। मार्ग में बामणधौड़ से घूसा गदेरा और द्वारीपुल तक मरम्मत का कार्य पूरा हो गया है। बामणधौड़ क्षेत्र में अस्थायी पुल भी बना दिया गया है और मार्ग पर पड़े दो हिमखंडों को काटकर रास्ता भी बनाया गया है।
गौरतलब है कि 87.5 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैली इस घाटी में 500 से अधिक प्रजातियों के फूल भी खिलते हैं। हर 15 दिनों में बदलते फूलों के रंगों के कारण घाटी का नजारा एक नया रूप भी लेता है। इस घाटी को 1982 में राष्ट्रीय पार्क का दर्जा व 2005 में यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल भी किया गया था।
पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए प्रशासन सख्ती से नियमों का पालन भी सुनिश्चित कर रहा है। प्रकृति प्रेमियों के लिए यह घाटी फिर एक बार अद्भुत अनुभव लेकर तैयार ही है।




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