शिरोमणि अकाली दल ने बैसाखी के मौके पर आज शनिवार को लोकसभा चुनाव के लिए अपनी पहली सूची जारी कर दी है। पार्टी ने पंजाब की 13 में से सात सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी हैं, जिसमें गुरदासपुर, अमृतसर, आनंदपुर साहिब, फतेगढ़ साहिब, फरीदकोट, संगरूर और पटियाला सीट शामिल हैं। गुरदासपुर से डॉ. दलजीत सिंह चीमा को उम्मीदवार बनाया गया है। आनंदपुर साहिब से प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा व पटियाला लोकसभा सीट से एनके शर्मा पर पार्टी ने भरोसा जताया है। शिअद ने अभी तक बठिंडा व फिरोजपुर सीट पर फिलहाल उम्मीदवार के नामों का एलान नहीं किया है। गुरदासपुर से पार्टी उम्मीदवार दलजीत सिंह चीमा पेशे से डॉक्टर है और वह वर्ष 2012 से 2017 तक पंजाब के शिक्षा मंत्री रहे। वह रूपनगर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनके कार्यकाल के दौरान आईआईटी स्थापित हुआ और साथ ही फलाईओवर के लिए भी क्षेत्र की पहचान बनी। वह शिअद में प्रवक्ता व सचिव के पद पर जोर-शोर से अलग-अलग स्तर पर पार्टी की आवाज बुलंद करते रहे हैं। मुख्यमंत्री के सलाहकार के पद पर भी उन्होंने अपनी सेवाएं दी, जिसके चलते पार्टी ने उन पर अपना भरोसा जताया है। आनंदपुर साहिब से प्रत्याशी प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा पार्टी में महासचिव व प्रवक्ता की भूमिका के साथ ही पहले भी वर्ष 2014 में भी इस सीट से सांसद रह चुके हैं। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी अंबिका सोनी को 23,697 मतों से मात दी थी। वह अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएट हैं। छात्र राजनीति से अपनी राजनीतिक सफर की शुरुआत की और यूथ अकाली अकाली दल के प्रधान बने। वह 1985 में डकाला पटियाला का प्रतिनिधित्व करते हुए पंजाब विधानसभा के सदस्य बने। उन्होंने कई दिग्गजों को चुनावों में मात दी और साथ ही कैबिनेट मंत्री के रूप में भी अपनी सेवाएं दी। 1998 लोकसभा चुनाव में वह कैप्टन अमरिंदर सिंह को हराकर सांसद चुने गए। आनंदपुर सीट पर पार्टी विरोधियों से कड़ा मुकाबले मानकर चल रही है, जिसके चलते ही प्रोफेसर चंदूमाजरा को एक बार फिर से इस सीट से उतारा गया है। पटियाला सीट से प्रत्याशी एनके शर्मा 2012 से 2022 तक डेराबस्सी विधानसभा क्षेत्र से पार्टी विधायक रहे। 2022 विधानसभा चुनाव में उनको आप प्रत्याशी कुलजीत सिंह रंधावा से हार का सामना करना पड़ा था। एक को छोड़कर सभी सीटों पर शिअद ने पुराने चेहरे को ही मौका दिया है। इस बार पार्टी भाजपा के साथ गठबंधन नहीं है, इसलिए सभी सीटों पर शिअद खुद ही अपने उम्मीदवार उतार रही है। इसके अलावा जिन सीटों पर पार्टी ने उम्मीदवारों को उतारा है, उनमें अमृतसर से अनिल जोशी, फतेहगढ़ साहिब से बिक्रमजीत सिंह खालसा, संगरुर से इकबाल सिंह झूंडा और फरीदकोट से राजविंदर सिंह को टिकट दी गई है। राजविंदर स्वर्गीय गुरदेव सिंह बादल पोते हैं। बठिंडा लोकसभा सीट से पार्टी ने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। यहां से लगातार 3 बार हरसिमरत कौर बादल लोकसभा चुनाव जीत चुकी हैं। पहली सूची में हरसिमरत कौर बादल का नाम की घोषणा तय मानी जा रहा थी, लेकिन फिलहाल पार्टी ने उनके नाम की घोषणा नहीं की है। पहली सूची में फिरोजपुर सीट पर भी प्रत्याशी की घोषणा नहीं की गई है। अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल फिलहाल इस सीट से सांसद हैं। चर्चा है कि बादल के इस बार लोकसभा चुनाव लड़ने की संभावना कम है। यही कारण है कि पार्टी इस सीट से किसी अन्य चेहरे को उतारने की तैयारी कर रही है। शिअद पहले गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी के लिए कुछ सीटें छोड़ देती थी, लेकिन इस बार सभी सीटों पर खुद ही उम्मीदवार उतार रही है। पिछली बार भाजपा के लिए छोड़ी अमृतसर व गुरदासपुर सीट पर पार्टी ने अपना उम्मीदवार उतार दिया है, लेकिन होशियारपुर सीट पर फिलहाल उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई है।