15 नवंबर को प्रदेशभर में भूकंप मॉक ड्रिल, डिजिटल ट्विन तकनीक के उपयोग की सलाह
देहरादून। भूकंप से बचाव और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता को परखने के लिए उत्तराखंड में 15 नवंबर को राज्यव्यापी मॉक ड्रिल भी आयोजित की जाएगी। तैयारी को लेकर राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में हुई बैठक में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के सदस्य डॉ. डीके असवाल ने डिजिटल ट्विन तकनीक को मॉक ड्रिल में शामिल करने पर भी जोर दिया।
डॉ. असवाल ने कहा कि मॉक ड्रिल आपदा प्रबंधन, संसाधनों की उपलब्धता व प्रतिक्रिया क्षमता की वास्तविक परख का महत्वपूर्ण अवसर भी होती है। उन्होंने सुझाव दिया कि डिजिटल ट्विन तकनीक की मदद से किसी भवन या स्थान का वर्चुअल मॉडल तैयार कर वास्तविक परिस्थितियों जैसा अभ्यास भी किया जा सकता है, जिससे बिना जोखिम के प्रशिक्षण और प्रतिक्रिया की गुणवत्ता बेहतर भी होगी।
आपदा से पहले तैयारी जरूरी
राज्य सलाहकार समिति आपदा प्रबंधन के उपाध्यक्ष विनय कुमार रुहेला ने कहा कि आपदाओं से मिली सीख पर समय रहते काम भी किया जाए तो किसी भी बड़ी आपदा से प्रभावी ढंग से निपटा भी जा सकता है।
सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने बताया कि मॉक ड्रिल का उद्देश्य सभी जिलों की तत्परता व प्रतिक्रिया तंत्र का परीक्षण करना है, ताकि वास्तविक भूकंप की स्थिति में तुरंत और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित भी हो सके।
भूदेव एप देगा भूकंप अलर्ट
सचिव विनोद सुमन ने बताया कि IIT रुड़की व यूएसडीएमए द्वारा ‘भूदेव’ एप विकसित भी किया गया है, जो भूकंप आने पर मोबाइल फोन पर अलर्ट भी भेजेगा। मॉक ड्रिल में शामिल सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को इस एप को डाउनलोड करना अनिवार्य भी किया गया है।
इन परिस्थितियों पर आधारित होगी मॉक ड्रिल
- बहुमंजिला आवासीय भवन का ढहना
- अस्पताल भवन का आंशिक रूप से गिरना
- स्कूल और कॉलेज क्षतिग्रस्त होने पर बच्चों का फंसना और रेस्क्यू ऑपरेशन
राज्यभर में आयोजित यह मॉक ड्रिल आगामी आपदाओं में तैयारियों को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम भी माना जा रहा है।




