38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए कैंपों में देरी से खिलाड़ियों में निराशा, तैयारी पर पड़ सकता है असर
उत्तराखंड में होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए तैयारियां जोरों से चल रही हैं, लेकिन तय तिथि पर भी कैंप न लगने से खिलाड़ियों को निराशा हाथ लग रही है। आलम यह है कि 15 नवंबर से शुरू होने वाले कैंप में अभी तक अकेले दून में पांच खेलों के कैंप आयोजित होने थे, लेकिन इनमें से एक भी खेल का कैंप नहीं लग पाया है।
उधर, खेल एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि कैंप में देरी का खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर असर पड़ेगा। राष्ट्रीय खेलों के लिए प्रदेशभर के 34 जगहों को कैंप के लिए चिह्नित किया गया है, जबकि अकेले देहरादून जिले में 15 विभिन्न खेलों के लिए कैंप आयोजित किए जाने हैं।
इनमें से 15 नवंबर से बैडमिंटन, 17 नवंबर से बालक वर्ग के हॉकी, 20 नवंबर से जूडो व तीरंदाजी और 25 नवंबर से शूटिंग के कैंप शुरू होने थे, लेकिन इनमें से एक भी खेल का कैंप अभी तक नहीं लग पाया है।
खेल एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि राष्ट्रीय खेलों से पहले तीन कैंपों का आयोजन किया जाता है। लेकिन, अभी तक एक भी कैंप का आयोजन न होने से खिलाड़ियों के चयन में बड़ी समस्या आएगी। हॉकी एसोसिएशन के सचिव नरेंद्र बाफिला ने बताया, कैंप में चयनित खिलाड़ियों की संख्या 20 से बढ़ाकर 35 करने की मांग की गई है। अभी तक नई तिथि नहीं मिल पाई है।
उत्तराखंड जूडो एसोसिएशन के सचिव सतीश शर्मा ने बताया, तपोवन स्थित जूडो हाॅल में 20 नवंबर से कैंप शुरू होने थे, लेकिन अभी तक नहीं हो पाए हैं। राष्ट्रीय खेलों के लिए सभी खिलाड़ी पूरी तरह से तैयार हैं। हमारा लक्ष्य अधिक से अधिक पदक जीतने का है। बस अब कैंप का ही इंतजार है।
प्रदेश की बैडमिंटन टीम इन दिनों भुवनेश्वर और बेंगलुरू में प्रतिभाग कर रही है। उत्तराखंड बैडमिंटन एसोसिएशन के सचिव बीएस मनकोटी ने बताया, प्रदेश की जूनियर और सीनियर वर्ग की टीमें नेशनल प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर रही हैं। ऐसे में राष्ट्रीय खेलों के कैंप के लिए एसोसिएशन की ओर से 25 दिसंबर से 12 जनवरी तय की गई है।