केदारनाथ हेली सेवा से यात्रा पर इतने फीसदी छूट देगी राज्य सरकार……

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीते मंगलवार को रूद्रप्रयाग जनपद के अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में राहत व बचाव कार्यों और पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की। इससे पहले उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी किया था। मुख्यमंत्री धामी ने चारधाम यात्रा मार्ग से जुड़े सभी विभागों की समीक्षा करते हुए अतिवृष्टि से हुयी क्षति की जानकारी ली और सभी विभागों को यात्रा शुरू करने के लिए उनके स्तर से किए जा रहे प्रयासों व तैयारियों की जानकारी भी ली। वहीँ मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावित क्षेत्रों में जनजीवन सामान्य करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि क्षतिग्रस्त मार्गाें, पेयजल व विद्युत लाईनों को शीघ्र बहाल किया जाए। मुख्यमंत्री ने केदारनाथ धाम पैदल यात्रा को जल्द शुरू किए जाने के निर्देश दिए और कहां कि केदारनाथ धाम के लिए हेलीसेवा को बुधवार से ही शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि हेलीसेवा के द्वारा दर्शन करने पहुंच रहे श्रद्धालुओं को हेलीसेवा के किराए में 25 प्रतिशत छूट दी जाएगी।
मुख्यमंत्री धामी ने रामपुर जी.एम.वी.एन में स्थानीय लोगों से संवाद के दौरान उनकी समस्याओं को सुना। उन्होंने प्रभावितों की सभी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया। उन्होंने इन कठिन परिस्थितियों में सरकार और प्रशासन द्वारा संचालित रेस्क्यू अभियान में कंधा से कंधा मिलाकर सहयोग के लिए स्थानीय लोगों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने केंद्र सरकार का भी आभार जताते हुए कहा कि अतिवृष्टि के बाद से ही केंद्रीय सरकार द्वारा चिनूक व एम.आई17 हैलीकॉप्टर के साथ ही हर संभव सहायता उपलब्ध कराई।
समीक्षा बैठक के दौरान
बैठक के उपरान्त मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि अतिवृष्टि से भू-स्खलन होने से 29 स्थानों पर पैदल व सड़क मार्ग कटा हुआ है। इसके अतिरिक्त पेयजल व विद्युत की लाइनों सहित बड़ी मात्रा में सरकारी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचा। कुछ स्थानों पर दूरसंचार की सेवाएं भी बाधित हुई हैं। उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि की घटना के बाद से ही जिला प्रशासन, आपदा प्रबंधन और एस.डी.आर.एफ, डी.डी.आर.एफ, एन.डी.आर.एफ सहित बाकी संस्थाओं व जनप्रतिनिधियों, पंडा समाज, तीर्थ पुरोहित, धार्मिक व सामाजिक सरोकारों से जुड़े संगठनों ने मिलकर इस आपदा में पूरे मनोयोग से इस रेस्क्यू अभियान में फंसे हुए श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रिकॉर्ड समय में लगभग 12 हजार श्रद्धालुओं व स्थानीय लोगों को रेस्क्यू किया गया है। रेस्क्यू अभियान लगभग पूर्ण हो चुका है।