
देहरादून। नवोदय विद्यालय लैब अटेंडेंट भर्ती परीक्षा में नकल का मामला अब ब्लूटूथ डिवाइस की सीमाओं से बाहर निकलकर पेपर लीक तक भी पहुंच गया है। देहरादून के एक परीक्षा केंद्र पर पकड़े गए अभ्यर्थी के मोबाइल से पुलिस को जो जानकारी मिली है, उससे स्पष्ट संकेत भी मिलते हैं कि परीक्षा का प्रश्नपत्र पहले ही लीक भी हो चुका था।
पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी अभ्यर्थी को परीक्षा के आखिरी घंटे में सभी प्रश्नों के उत्तर टेक्स्ट मैसेज के जरिए भी भेजे गए थे। हर सवाल का विकल्प — जैसे A, B या C — क्रमवार उसके मोबाइल में मौजूद था। इस आधार पर पुलिस ने यह मान भी लिया है कि पेपर परीक्षा शुरू होने से पहले ही किसी माध्यम से बाहर भी आ चुका था।
पुलिस ने जब उस मोबाइल नंबर पर संपर्क करने की कोशिश की जिससे उत्तर भी भेजे गए थे, तो वह बंद मिला। अब पुलिस इस नंबर के मालिक की तलाश सर्विलांस व अन्य तकनीकी माध्यमों से भी कर रही है।
देहरादून में पकड़े गए सॉल्वर गैंग के दो सदस्य
इससे पहले पुलिस ने देहरादून के सोशल बलूनी स्कूल केंद्र से एक अभ्यर्थी को भी पकड़ा था, जिसके पास ब्लूटूथ डिवाइस भी मिली थी। इसी कड़ी में सॉल्वर गैंग के दो सदस्य भी गिरफ्तार किए गए, जो 16 अभ्यर्थियों को नकल कराने की योजना में शामिल भी थे। ये गैंग ब्लूटूथ डिवाइस के जरिए उत्तर बताने वाला भी था।
लेकिन पकड़े गए अभ्यर्थी का मामला बाकी से बिल्कुल अलग ही था। उसके पास टेक्स्ट मैसेज के रूप में पेपर के सभी उत्तर भी मौजूद थे, जो यह दर्शाता है कि परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक भी हो चुका था — और वह भी राष्ट्रीय स्तर पर कहीं से।
मेरठ-बागपत गैंग पर शक
पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह पूरा नेटवर्क मेरठ व बागपत क्षेत्र में सक्रिय किसी गैंग से जुड़ा भी हो सकता है। इस गैंग का काम करने का तरीका बेहद शातिराना भी है — अभ्यर्थियों को निर्देश दिए जाते हैं कि वे परीक्षा के पहले 2 घंटे तक कोई उत्तर न भरें। अंतिम 1 घंटे में उन्हें सभी सवालों के उत्तर टेक्स्ट के जरिए भेज भी दिए जाते हैं।
अब पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि प्रश्नपत्र लीक राज्य के भीतर हुआ या फिर देश के किसी अन्य हिस्से से। फिलहाल जांच जारी है, लेकिन अब तक के साक्ष्य इस ओर इशारा करते हैं कि यह केवल ब्लूटूथ नकल नहीं, बल्कि संगठित पेपर लीक का मामला भी है।