उत्तराखंड

श्रीनगर गढ़वाल: टीचर्स कॉलोनी में भू-धंसाव से 15 से अधिक परिवार प्रभावित, रेलवे टीम ने किया निरीक्षण

श्रीनगर गढ़वाल। श्रीकोट व चौरास पुल के बीच स्थित टीचर्स कॉलोनी में हाल ही में हुए भू-धंसाव और भूस्खलन से क्षेत्र में हड़कंप ही मच गया। इस आपदा से 15 से अधिक परिवार प्रभावित भी हुए हैं, जिनके मकानों की दीवारों व नींव में गहरी दरारें भी आ गई हैं। प्रभावित परिवार लगातार भय व असुरक्षा की स्थिति में जी रहे हैं, और स्थानीय लोगों का कहना है कि भू-धंसाव की रफ्तार धीरे-धीरे बढ़ ही रही है।

रेलवे और प्रशासन ने लिया संज्ञान

बीजेपी के मंडल अध्यक्ष विनय घिल्डियाल ने घटना की जानकारी गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी व उत्तराखंड कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत को भी दी। दोनों ने इसे गंभीर आपदा प्रबंधन का विषय मानते हुए रेलवे अधिकारियों से तुरंत संपर्क भी किया।

सांसद अनिल बलूनी ने प्रभावित परिवारों से फोन पर बात कर उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया। उन्होंने रेलवे प्रशासन को विशेषज्ञ टीम मौके पर भेजने के निर्देश भी दिए। वहीं, कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने प्रशासनिक स्तर पर राहत व सुरक्षा इंतज़ाम सुनिश्चित करने को भी कहा।

रेलवे टीम ने किया निरीक्षण

सांसद के निर्देश पर रेलवे ने देहरादून से उच्च स्तरीय टीम श्रीनगर भी भेजी। हालांकि रोड बंद होने के कारण टीम को थोड़ी देर भी हुई। टीम ने टीचर्स कॉलोनी में जाकर प्रभावित क्षेत्र का विस्तृत निरीक्षण किया व भू-धंसाव की तकनीकी वजहों का अध्ययन भी किया।

टीम में शामिल अधिकारी:

  • महाप्रबंधक: पामीर अरोड़ा
  • अपर महाप्रबंधक एवं भू-वैज्ञानिक: विजय डंगवाल
  • टीम लीडर (टनल): हुसैन कैराग़ोन
  • जियो-टेक्निकल इंजीनियर: अहमद
  • टनल फोरमेन: अली रैज

प्रभावित परिवारों को मिलेगा मुआवजा

रेलवे टीम ने आश्वासन दिया कि विभागीय रिपोर्ट व जिलाधिकारी की तकनीकी रिपोर्ट के आधार पर प्रभावित परिवारों को हर संभव मुआवजा भी दिया जाएगा। साथ ही भू-धंसाव की रोकथाम व स्थायी समाधान के लिए तकनीकी उपाय भी लागू किए जाएंगे।

अपर महाप्रबंधक का बयान

आरवीएनएल के अपर महाप्रबंधक व भू-वैज्ञानिक विजय डंगवाल ने कहा:

“हमें जैसे ही भू-धंसाव की खबर लगी, हम तुरंत ही यहां पहुंचे। हमारी मुख्य सुरंग श्रीनगर से होकर धारी देवी भी जाती है। लोगों का कहना है कि रेलवे की सुरंग निर्माण के दौरान हुई ब्लास्टिंग से भू-धंसाव और दरारें भी आई हैं। हमारे अफसरों के निर्देश पर निरीक्षण किया गया। हमारा फंडा है कि यदि निर्माण के दौरान किसी को नुकसान होता है तो उसका मुआवजा भी दिया जाएगा।”

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